
थाईलैंड-कंबोडिया में जंग के बाद शांति की कोशिश, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Thailand Cambodia Peace Talks: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर जारी संघर्ष के 16 दिन बाद दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधिमंडल एक बार फिर शांति वार्ता के लिए आमने-सामने आए हैं। बुधवार को थाईलैंड के चंथाबुरी प्रांत में सीजफायर और निगरानी प्रणाली को लेकर बातचीत की औपचारिक शुरुआत हुई। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब सीमा पर सैन्य कार्रवाई और आरोप-प्रत्यारोप ने हालात को और संवेदनशील बना दिया है।
जनरल बॉर्डर कमेटी (जीबीसी) की सेक्रेटेरिएट-लेवल की बैठक बान फाक कैट स्थित स्थायी चेकपॉइंट पर आयोजित की गई। स्थानीय समय के अनुसार शाम करीब 4:25 बजे कंबोडियाई प्रतिनिधिमंडल मौके पर पहुंचा और शुरुआती आधे घंटे की चर्चा में दोनों पक्षों ने बैठक की रूपरेखा पर विचार किया। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, इस प्रारंभिक बातचीत का मकसद गुरुवार सुबह 9 बजे होने वाली पूर्ण प्रतिनिधिमंडल बैठक के लिए एजेंडा तय करना था।
थाई पक्ष की ओर से जीबीसी सचिव नट्टापोंग प्राओकेव ने पत्रकारों को बताया कि दोनों देशों ने पहले ही अपने-अपने विचार साझा कर दिए हैं और अब औपचारिक बैठकों में इन बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। उनका कहना था कि शुरुआती संवाद रचनात्मक रहा और आगे की बातचीत के लिए आधार तैयार हुआ है।
वहीं, कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय के अवर सचिव और प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल मैली सोचियाटा ने कहा कि इस बैठक में दोनों देश आगामी तीसरी विशेष जीबीसी बैठक (27 दिसंबर 2025) की तैयारी के लिए दस्तावेजों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन प्रयासों का उद्देश्य दुश्मनी खत्म करना दोनों देशों के बीच स्थिरता बहाल करना और हालात को सामान्य स्थिति में लाना है।
थाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सुरसंत कोंगसिरी ने पहले ही जानकारी दी थी कि सचिव स्तर की यह बैठक बुधवार से शुक्रवार तक चलेगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर शुरुआती चर्चाएं सकारात्मक रहीं तो इसके बाद शनिवार को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की जा सकती है।
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इस बीच, सीमा पर सैन्य कार्रवाई को लेकर विवाद भी जारी है। कंबोडिया ने आरोप लगाया है कि थाई सेना ने बंतेय मींचे और बट्टमबांग प्रांतों में लड़ाकू विमानों के जरिए क्लस्टर बम गिराए, जिनमें से कुछ नागरिक इलाकों में गिरे। कंबोडियाई माइन एक्शन एंड विक्टिम असिस्टेंस अथॉरिटी ने इस पर गंभीर चिंता जताते हुए नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
हालांकि, रॉयल थाई सेना ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि क्लस्टर बमों का इस्तेमाल केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया गया था और ये हथियार नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से डिजाइन नहीं किए गए हैं। दोनों देशों के बीच इन आरोपों ने तनाव को और बढ़ाया है लेकिन मौजूदा शांति वार्ता को हालात सुधारने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।






