चीन के जंगी जहाज और विमान ने ताइवान में की घुसपैठ, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: ताइवान और चीन के बीच बढ़ रही मतभेद की स्थिति ने एक बार फिर वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने सोमवार सुबह लगभग 6 बजे चीन के एक युद्धक विमान और पांच नौसैनिक पोतों को ताइवान के समुद्री क्षेत्र में घुसते हुए पाया। विमान ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार कर ताइवान के उत्तरी वायु रक्षा क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश किया, जिसके जवाब में ताइवानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की।
एमएनडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए कहा, “सोमवार सुबह 6 बजे तक ताइवान के आसपास चीनी सेना (पीएलए) के एक लड़ाकू विमान और पांच नौसैनिक जहाजों (पीएलएएन) की गतिविधियां दर्ज की गईं। हमने स्थिति की निगरानी करते हुए उचित कदम उठाए हैं।”
चीन और ताइवान के बीच मौजूदा तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इस बीच, चीन की सेना (पीएलए) ताइवान के हवाई और समुद्री इलाकों में घुसपैठ करने की कोशिश कर रही है। इससे पहले, 15 जुलाई को भी ताइवान ने चीन के 26 लड़ाकू विमानों, एक युद्धपोत और सात नौसैनिक जहाजों को अपनी सीमा के अंदर देखा था।
इनमें से 21 विमानों ने मध्य रेखा को पार कर ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र (ADIZ) में प्रवेश किया था। इसी दिन, ताइवान ने चीन के बढ़ते सैन्य दबाव के मद्देनजर अपने मेट्रो स्टेशनों पर युद्धाभ्यास भी किया था।
20 जून को चीन ने ताइवान की ओर 74 लड़ाकू विमान भेजे थे, जिनमें से 61 ने मध्य रेखा को पार कर लिया था। गुप्त सूत्रों की जानकारी के अनुसार, चीन अगले छह महीनों में ताइवान पर हमले की योजना बना रहा है। यदि चीन हमला करता है, तो इसका दुनिया की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
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हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा किया था कि वे अपने कार्यकाल में ऐसा नहीं होने देंगे। अब ऐसा माना जा रहा है कि चीन 2027 तक अपनी सैन्य शक्ति को और मजबूत करना चाहता है। ताइवान और अमेरिका के अधिकारियों को आशंका है कि चीन 2027 में हमला कर सकता है, क्योंकि इस साल चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अपनी 100वीं वर्षगांठ मनाएगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)