QUAD देशों का निर्णय, फोटो ( सो.सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: रेअर अर्थ जैसे अहम खनिजों पर दुनिया में दबदबा बनाने की कोशिश कर रहे चीन को अब टक्कर मिलने वाली है। इस दिशा में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के गठजोड़ क्वाड ने एक नई पहल ‘क्वाड क्रिटिकल मिनरल्स इनिशिएटिव’ की शुरुआत की है। इस पहल का मकसद अहम खनिजों की आपूर्ति को सुरक्षित करना और वैश्विक सप्लाई चेन को विविध बनाना है।
यह कदम चीन द्वारा की जा रही मूल्य निर्धारण में गड़बड़ी और दबाव की रणनीतियों की आशंकाओं के बीच वैश्विक आर्थिक सुरक्षा को मज़बूती देने के लिए उठाया गया है। इस निर्णय की घोषणा वॉशिंगटन डीसी में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद की गई।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया ने इस बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि यह नई पहल क्वाड साझेदारी का एक बड़ा विस्तार है, जिसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक सुरक्षा और सामूहिक लचीलापन बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति शृंखलाओं को सुरक्षित और विविध बनाना है।
विदेश मंत्रियों ने अपने बयान में प्रमुख आपूर्ति शृंखलाओं, खासकर महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति में आने वाली अचानक रुकावटों और भविष्य में इसकी स्थिरता को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।
बयान में आगे कहा गया कि कुछ महत्वपूर्ण खनिजों, उनके डेरिवेटिव उत्पादों और खनिजों की प्रोसेसिंग तकनीकों से जुड़ी गैर-बाजार नीतियों और प्रथाओं पर चिंता जताई गई है। हालांकि चीन का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया गया, लेकिन यह संकेत दिया गया कि आपूर्ति शृंखला में विविधता और भरोसेमंद वैश्विक साझेदारों की जरूरत है।
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बयान में यह भी चेताया गया कि यदि खनिजों के परिष्करण और प्रसंस्करण के लिए किसी एक देश पर जरूरत से ज़्यादा निर्भरता हो जाती है, तो इससे हमारे उद्योगों पर आर्थिक दबाव पड़ सकता है, कीमतों में कृत्रिम उतार-चढ़ाव हो सकता है और आपूर्ति शृंखला बाधित हो सकती है जो अंततः हमारी आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
क्वाड देशों की बैठक के बाद जारी ‘फैक्ट शीट’ में घोषणा की गई कि वे समुद्री कानून प्रवर्तन में भी सहयोग बढ़ाएंगे। इस सहयोग का उद्देश्य समुद्री डकैती, नशीले पदार्थों की तस्करी, सीमा सुरक्षा के उल्लंघन और गैरकानूनी तरीके से मछली पकड़ने जैसी अवैध गतिविधियों को रोकना है। रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने ‘क्वाड-एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन’ की शुरुआत हुई है। इसका मुख्य लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अवैध समुद्री गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाना, संचालन क्षमता को मजबूत करना और जानकारियों का आदान-प्रदान करना है।