कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स- सोशल मीडिया)
Mohan Bhagwat Satatement: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संघ की 100वीं वर्षगांठ पर नागपुर स्थिति मुख्यालय, रेशमबाग मैदान को संबोधित किया और आत्मनिर्भरता का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “अमेरिका ने एक नई टैरिफ नीति अपनाई है। बेशक यह उसके अपने हितों की पूर्ति करती है, लेकिन इसके प्रभाव सभी को महसूस हो रहे हैं। कोई भी राष्ट्र अलग-थलग रहकर जीवित नहीं रह सकता।”
संघ प्रमुख ने आंतरिक रूप से शक्ति निर्माण के महत्व पर जोर दिया। साथ ही कहा कि राजनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक संबंध मजबूरी से नहीं, बल्कि अपनी पसंद और इच्छा से बनाए जाने चाहिए। उनके इस बयान को पीएम मोदी की तरफ किया गया इशारा भी बताया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “एक देश परस्पर निर्भरता या कूटनीतिक निर्भरता के माध्यम से आगे बढ़ता है, लेकिन परस्पर निर्भरता मजबूरी नहीं बननी चाहिए। हमें आत्मनिर्भर होना चाहिए। भागवत ने ज़ोर देकर कहा कि “स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं है।”
भागवत ने गुरुवार को कहा, “देश भर में, खासकर युवा पीढ़ी में, राष्ट्रवादी भावना, सांस्कृतिक जुड़ाव में विश्वास और आत्मविश्वास लगातार बढ़ रहा है। स्वयंसेवकों के अलावा, विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के साथ व्यक्ति समाज के वंचित वर्गों की निस्वार्थ सेवा के लिए आगे आ रहे हैं।” मोहन भागवत ने नेपाल सहित पड़ोसी देशों में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों पर भी चिंता जताई।
उन्होंने कहा, “श्रीलंका, बांग्लादेश और हाल ही में नेपाल में जनाक्रोश के हिंसक विस्फोट के कारण सत्ता परिवर्तन हमारे लिए चिंता का विषय है। भारत में इस तरह की अशांति पैदा करने की चाह रखने वाली ताकतें हमारे देश के अंदर और बाहर दोनों जगह सक्रिय हैं।”
यह भी पढ़ें: पहलगाम से दोस्तों और दुश्मनों की सच्चाई का पता लग गई, RSS के शताब्दी उत्सव में बोले मोहन भागवत
इससे पहले सुबह भागवत ने नागपुर में संगठन के विजयादशमी उत्सव के अवसर पर ‘शस्त्र पूजा’ की। भागवत ने गुरुवार को नागपुर में आरएसएस विजयादशमी उत्सव कार्यक्रम में संगठन के संस्थापक केबी हेडगेवार को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस संगठन की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो गए हैं, जो 1925 में हुआ था। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, जो इस समारोह के मुख्य अतिथि थे, भी श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित थे।