
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (सोर्स- सोशल मीडिया)
Kremlin Europe Fear Nonsense: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने यूरोपीय देशों में चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है। कई पश्चिमी देशों को यह डर सता रहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अगला कदम क्या होगा। खासकर, ‘अखंड रूस’ (Greater Russia) बनाने की उनकी कथित महत्वाकांक्षा ने यूरोप के लगभग 40 देशों को घबराहट में डाल दिया है। हालांकि, इन अटकलों पर रूसी राष्ट्रपति कार्यालय प्रवक्ता क्रेमलिन ने अब तीखी प्रतिक्रिया दी है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे तनावपूर्ण माहौल के बीच, यूरोपीय देशों को यह खौफ सता रहा है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘पुराने सोवियत संघ’ (Soviet Union) को बहाल करने की कोशिश कर सकते हैं, जिसे कुछ लोग ‘अखंड रूस’ का सपना भी कह रहे हैं।
लगभग 40 देश इस आशंका से घबराए हुए हैं। इस डर को जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मेर्ज (Friedrich Merz) के एक बयान से और बल मिला, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अगर रूस यूक्रेन में सफल होता है, तो पुतिन एक दिन NATO (North Atlantic Treaty Organization) पर भी हमला कर सकते हैं।
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मेर्ज के चौंकाने वाले बयान पर मंगलवार को कड़ा और तीखा जवाब दिया है। क्रेमलिन ने पश्चिमी देशों द्वारा व्यक्त किए जा रहे इस तरह के सभी विचारों को सिरे से खारिज कर दिया।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव (Dmitry Peskov) ने इस तरह के दावों को पूरी तरह से गलत और ‘बेवकूफी भरा’ करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुतिन सोवियत संघ को बहाल करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, क्योंकि यह संभव ही नहीं है और खुद राष्ट्रपति पुतिन ने इस बात को कई बार दोहराया है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने यूरोपीय देशों की इस घबराहट को ‘मूर्खता’ कहकर लताड़ा है। NATO पर संभावित हमले की अटकलों पर जवाब देते हुए दिमित्री ने कहा, “जहां तक NATO पर हमले की तैयारी का सवाल है, यह पूरी मूर्खता की बात है।”
उन्होंने जर्मन चांसलर मेर्ज के कमेंट्स पर तंज कसते हुए कहा कि “इस मामले में दखल देना या टिप्पणी करना सम्मानजनक नहीं है, लेकिन जाहिर है कि मिस्टर फ्रेडरिक मेर्ज को इस बारे में कुछ पता नहीं है।” इस बयान से क्रेमलिन ने साफ कर दिया है कि यूरोपीय देशों की आशंकाएं आधारहीन हैं और वे केवल बेवजह का डर फैला रहे हैं।
यह भी पढ़ें: ‘पुतिन के आगे सरेंडर करो…’, यूक्रेन को मदद देकर बाइडेन ने की गलती, ट्रंप ने कहा- यूरोप है कमजोर
रूस की ओर से आए इस स्पष्टीकरण ने यूरोपीय देशों के बीच जारी तनाव को कुछ हद तक कम करने की कोशिश की है। हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूरोप में तनाव अभी भी इंटेंस बना हुआ है। पश्चिमी देश अभी भी रूस को एक बड़े खतरे के रूप में देखते हैं, जबकि क्रेमलिन उन्हें भ्रम में रहने के लिए फटकार लगा रहा है। पुतिन ने बार-बार कहा है कि उनकी नीतियां सोवियत संघ की बहाली पर नहीं, बल्कि रूस के वर्तमान राष्ट्रीय हितों पर आधारित हैं।






