
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
US Ukraine War Policy: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ताजा इंटरव्यू में स्पष्ट संकेत दिया है कि भविष्य में वे यूक्रेन को दी जा रही अमेरिकी वित्तीय सहायता को बंद कर सकते हैं। ट्रंप ने दावा किया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा यूक्रेन को 350 बिलियन डॉलर की मदद देना एक बड़ी गलती थी।
उन्होंने यूरोप की मौजूदा स्थिति पर भी तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि यूरोपीय देश धीरे-धीरे कमजोर होते जा रहे हैं और प्रवासन नीतियों की विफलता ने उन्हें बिगाड दिया है। ट्रंप के अनुसार, बढ़ता इमिग्रेशन यूरोप की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को खत्म कर रहा है।
इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को सलाह देते हुए कहा कि युद्ध की मौजूदा परिस्थितियों में रूस का पलड़ा अभी भारी है। उन्होंने सुझाव दिया कि जेलेंस्की को आगे बढ़कर समझौता करना चाहिए और एक ऐसी योजना पर विचार करना चाहिए जिसमें यूक्रेन को अपने कुछ क्षेत्र रूस को सौंपने पड़ सकते हैं।
हालांकि यूक्रेन इस विचार को पहले ही खारिज कर चुका है, लेकिन ट्रंप ने कहा कि मौजूदा युद्ध परिस्थितियों में यह “व्यावहारिक समाधान” हो सकता है। इंटरव्यू में कई बार वे यूक्रेन के शहरों के नाम याद नहीं कर पाए और सिर्फ राजधानी कीव का नाम ही ले सके।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को हटाने के लिए अमेरिकी सेना भेज सकते हैं, तो ट्रंप ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वह न पुष्टि करेंगे और न खंडन, क्योंकि वे सैन्य रणनीति पर खुलकर बात नहीं करते।
यूरोप में बढ़ते प्रवासन को लेकर ट्रंप ने फिर से विवादित ग्रेट रिप्लेसमेंट थ्योरी का जिक्र किया, जिसमें कहा जाता है कि बड़ी संख्या में प्रवासियों के आने से यूरोप की जनसंख्या संरचना और पहचान बदल रही है। उन्होंने दावा किया कि कई यूरोपीय नेता बहुत मूर्ख हैं और उनकी प्रवासन नीतियां पूरी तरह असफल रही हैं।
ट्रंप ने कहा कि यदि यह स्थिति जारी रही तो कई यूरोपीय देश भविष्य में टिक नहीं पाएंगे। उन्होंने लंदन और पेरिस जैसे शहरों की स्थिति की आलोचना करते हुए कहा कि ये शहर अब पहले जैसे नहीं रहे कमजोर हो चुके हैं।
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उन्होंने लंदन के मेयर सादिक खान को फिर निशाना बनाते हुए उन्हें अयोग्य करार दिया। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भी ऐसी स्थिति की तरफ बढ़ रहा था, लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल में इसे रोक दिया।






