शहबाज शरीफ, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
तेहरान: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का अक्ल ठिकाने आ गए है और अब वह भारत के साथ सभी तनावपूर्ण मसलों को सुलझाने के लिए इच्छा जता रहा है। पाकिस्तान कश्मीर, आतंकवाद और व्यापार जैसे सभी मुद्दों पर भारत के साथ समाधान चाहता है। यह बात खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने ईरान दौरे के दौरान कही।
हाल ही में भारत की कार्रवाइयों से पाकिस्तान और उसके पाले हुए आतंकियों के होश उड़ गए हैं। भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम रहेगा और आगे किसी भी तरह की कायराना हरकत का करारा जवाब दिया जाएगा। इसके बाद, अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर भारत के सामने झुकते नजर आए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि वे कश्मीर, आतंकवाद, पानी और व्यापार जैसे सभी मुद्दों पर भारत के साथ शांतिपूर्ण वार्ता के लिए तैयार हैं।
शहबाज शरीफ इन दिनों ईरान की यात्रा पर हैं। सोमवार को ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने उनका सादाबाद पैलेस में स्वागत किया। इसके बाद एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शरीफ ने कहा कि वह भारत के साथ शांति के लिए बातचीत करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर सहित सभी विवादों को बातचीत के जरिए हल करना चाहता है और साथ ही व्यापार व आतंकवाद के मुद्दों पर भी अपने पड़ोसी देश से वार्ता करने के लिए इच्छुक है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपनी चार देशों की यात्रा के दूसरे चरण में ईरान पहुंचे हैं। इससे पहले वे तुर्किये गए थे। ईरान की राजधानी पहुंचने पर राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने सादाबाद पैलेस में उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियन के बीच वार्ता हुई।
इस बीच भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत के खिलाफ अपनी तीखी बयानबाजी से भी बाज नहीं आए। शहबाज शरीफ ने कहा कि अगर भारत आक्रामक रुख अपनाता है, तो हम अपने देश की रक्षा के लिए मजबूती से खड़े रहेंगे, जैसा हमने कुछ दिनों पहले किया था। हालांकि अगर भारत शांति की पहल को स्वीकार करता है, तो हम भी दिखाएंगे कि शांति के लिए हमारी मंशा गंभीर है।”
भारत ने भी पाकिस्तान को साफ शब्दों में बता दिया है कि आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी दी कि अब पाकिस्तान से केवल पीओके और आतंकवाद के मसले पर ही बातचीत होगी। इसके साथ ही, भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद यह स्पष्ट कर दिया कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।