
केपी के मुख्यमंत्री को एंटी-टेरर कोर्ट ने घोषित किया भगोड़ा, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
KP Chief Minister Absconder: इस्लामाबाद से सामने आई एक बड़ी कानूनी कार्रवाई में पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) ने खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी को दो लंबित मामलों में भगोड़ा घोषित कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि मुख्यमंत्री समेत अन्य आरोपी लगातार न्यायिक प्रक्रिया से बच रहे हैं और अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं।
एटीसी ने मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी के साथ मंत्री मीना खान, शफी जान, अमजद अली और इकबाल अफरीदी को भी इन्हीं मामलों में भगोड़ा करार दिया है। यह आदेश एटीसी जज अबुल हसनात मुहम्मद जुल्करनैन ने पुलिस की अर्जी स्वीकार करते हुए जारी किया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 30 दिनों के भीतर पेश होने का निर्देश दिया है और चेतावनी दी है कि तय समय सीमा में हाजिर न होने पर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट रिकॉर्ड के अनुसार, ये दोनों मामले 26 नवंबर 2024 को इस्लामाबाद में हुए विरोध प्रदर्शनों से जुड़े हैं। इन प्रदर्शनों के संबंध में रमना थाना इस्लामाबाद में एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप है कि ये प्रदर्शन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान के समर्थन में किए गए थे और इनमें कानून-व्यवस्था भंग करने की घटनाएं हुई थीं। इसी वजह से इन मामलों की सुनवाई आतंकवाद निरोधक कानूनों के तहत की जा रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पीटीआई से जुड़े विरोध प्रदर्शनों को लेकर इस्लामाबाद में बड़ी संख्या में मामले दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि राजधानी में पीटीआई के करीब 80 प्रतिशत विधानसभा सदस्य किसी न किसी कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। इस्लामाबाद पुलिस ने लगभग 70 पीटीआई सांसदों की पहचान की है जो अलग-अलग मामलों में वांछित हैं।
अधिकारियों का कहना है कि दर्ज सभी मामलों का विवरण अदालत में जमा कर दिया गया है। साथ ही यह भी सामने आया है कि अधिकांश आरोपी सांसदों ने अब तक किसी अदालत से गिरफ्तारी से पहले जमानत नहीं ली है। ऐसे में आने वाले दिनों में गिरफ्तारियों का सिलसिला तेज हो सकता है।
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गौरतलब है कि सोहेल अफरीदी अक्टूबर 2025 में अली अमीन गंदापुर की जगह खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री बने थे। पीटीआई संस्थापक इमरान खान के निर्देश पर गंदापुर ने इस्तीफा दिया था जिसके बाद अफरीदी को नया मुख्यमंत्री चुना गया। अफरीदी पीके-70 (खैबर) सीट से पहली बार विधायक बने थे और इससे पहले प्रांतीय कैबिनेट का हिस्सा रह चुके हैं।
पीटीआई ने इस पूरी कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है जबकि सरकारी पक्ष का दावा है कि कानून सभी के लिए बराबर है। अगर सोहेल अफरीदी और अन्य आरोपी 30 दिनों के भीतर अदालत में पेश नहीं होते हैं तो उन्हें आधिकारिक रूप से भगोड़ा घोषित कर उनकी गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है।






