ख्वाजा आसिफ, फोटो ( सो.सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में इजरायल के साथ राजनीतिक संबंध सुधारने की संभावना जताई है। अब्राहम समझौते (Abraham Accord) में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कोई अवसर आता है, तो पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए इस पर विचार करेगा।
यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि महज एक सप्ताह पहले तक आसिफ ईरान के समर्थन में मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील कर रहे थे। लेकिन अब उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान अब्राहम समझौते में शामिल होने का विकल्प तलाश सकता है।
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान भारत-पाकिस्तान तनाव, गाजा युद्ध, ईरान-इजरायल संघर्ष और पश्चिम एशिया में अमेरिकी भूमिका जैसे मुद्दों पर अपने विचार रखे। इंटरव्यू के दौरान उनसे अब्राहम समझौते के विस्तार और पाकिस्तान की संभावित भागीदारी के बारे में पूछा गया। सवाल किया गया कि क्या पाकिस्तान इस समझौते में शामिल होकर इजरायल को मान्यता देगा और उसके साथ संबंध सामान्य करेगा। साथ ही, यह भी पूछा गया कि यदि पाकिस्तान पर इस समझौते में शामिल होने का दबाव बनाया गया तो सरकार क्या कदम उठाएगी।
इस पर ख्वाजा आसिफ ने जवाब दिया कि पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देगा। उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसा कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं आया है, लेकिन यदि भविष्य में कोई प्रपोजल मिलता है, तो सरकार उस पर विचार करके उचित निर्णय लेगी।
अमेरिका में फिर निशाने पर मंदिर, हमलावरों ने बरसाईं 30 राउंड गोलियां; मचा हड़कंप
पाकिस्तान सरकार का इजरायल के प्रति रवैया हमेशा से सख्त रहा है। ऐसे में, ख्वाजा आसिफ द्वारा अब्राहम समझौते में शामिल होने से इनकार न करना देश के कट्टरपंथी तबके को गुस्सा दिला सकता है। ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में ईरान-इजरायल तनाव के दौरान कहा था कि इजरायल एक बढ़ता हुआ खतरा है और मुस्लिम देशों को एकजुट होकर इसका मुकाबला करना चाहिए। लेकिन, महज एक सप्ताह के भीतर ही उनका रुख बदल गया है और अब वे ‘राष्ट्रीय हित’ के नाम पर इजरायल के साथ संबंध सुधारने की बात कर रहे हैं। इससे न केवल पाकिस्तान के भीतर विरोध हो सकता है, बल्कि ईरान भी इसका विरोध कर सकता है।