बेंजामिन नेतन्याहू (सोर्स-सोशल मीडिया)
तेल अवीव: इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को उनके ही देश में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। देश की जनता ने अपने नेता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसराइली नागरिक नेतन्याहू पर हमास से समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। उधर इसराइली पीएम मानने को तैयार नहीं हैं, बल्कि उन्होंने गाजा में संघर्ष विराम समझौते के लिए बनाए जा रहे दबाव का प्रतिरोध करने की बात कही है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में सोमवार को नेतन्याहू ने कहा कि वह फिलाडेल्फिया गलियारा पर इजराइली नियंत्रण की मांग पर जोर देना जारी रखेंगे।
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नेतन्याहू ने कहा कि गलियारा यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि हमास सुरंगों के ज़रिए फिर से हथियार न एकत्र कर सके। उन्होंने कहा कि बंधकों को मुक्त कराने के लिए मुझसे ज़्यादा कोई प्रतिबद्ध नहीं है। लेकिन कोई भी मुझे उपदेश नहीं दे सकता।
क्यों आक्रोस में है जनता
इसरायल सेना को गाजा के रफाह इलाके से छह बंधकों के शव बरामद हुआ। इसके बाद से ही इसराइल की जनता में आक्रोश की भावना जन्म लेना शुरू हो गया। अब आलम ये है कि राजधानी तेलअवीव में नेतन्याहू के खिलाफ जनता ने मोर्चा खोल दिया है। यहां हजारों की संख्या में भीड़ जुटी।
सरकार के खिलाफ नाराजगी
इजरायली सैनिकों को बंधकों का शव एक सुरंग से मिले हैं जहां हत्या के कुछ देर बाद ही वे पहुंचे थे। तेल अवीव में रविवार को हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर कर बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसराइली नागरिकों की ये नाराजगी अभी जारी है।
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बता दें कि तेल अवीव में एक आईडीएफ के मुख्यालय और सैन्य अड्डे के बाहर भावनात्मक प्रदर्शन हुए। लोग नेतन्याहू सरकार से बंधकों को सुरक्षित घर लाने के लिए जल्द से जल्द समझौता करने की अपील कर रहे हैं। बता दें कि पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला कर दिया था। इस हमले में 1200 लोगों की जान चली गई थी। वहीं, हमास ने 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया। तब से ये युद्ध जारी है