इमरान खान (फोटो- सोशल मीडिया)
Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान ने रावलपिंडी के सिटी पुलिस ऑफिसर (CPO) खालिद हमदानी को चिठ्ठी लिखकर पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज और आठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
इमरान खान के वकील तबिश फारूक द्वारा भेजी गई अर्जी में आरोप लगाया गया है कि मरियम नवाज के निर्देश पर उन्हें जेल में बुनियादी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। इस शिकायत में अदियाला जेल के अधीक्षक, एएसपी जैनब, एसएचओ ऐजाज और जेल चौकी इंचार्ज सहित आठ अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
चिठ्ठी में कहा गया है कि इमरान खान की कोठरी में बिजली नहीं है, और उन्हें उनके परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही। दावा किया गया है कि उन्हें जानबूझकर अंधेरे में रखा जा रहा है, और यह सब मरियम नवाज के इशारे पर हो रहा है। अर्जी में यह भी कहा गया कि अदियाला जेल पंजाब सरकार के अधीन है और मरियम नवाज पहले भी इमरान को “गद्दार” कहकर धमका चुकी हैं।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एएसपी जैनब, एसएचओ ऐजाज और चौकी इंचार्ज ने इमरान खान की बहनों को उनसे मिलने से रोककर अदालत के आदेशों की अवहेलना की है। PTI ने पहले भी इमरान खान के जेल में हालात को लेकर चिंता जताई थी। पार्टी के मुताबिक उन्हें ‘डेथ सेल’ में बंद कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
17 जुलाई को पार्टी के केंद्रीय सूचना सचिव शेख वकास अकरम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि इमरान खान को दिन में 22 घंटे अकेले रखा जाता है, उन्हें अखबार, टीवी या किताबें तक नहीं मिलतीं और वकीलों व करीबी लोगों से भी नहीं मिलने दिया जाता। उन्होंने इसे मानसिक प्रताड़ना और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया।
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अकरम ने यह भी कहा कि अदालत द्वारा इजाजत दिए गए छह लोगों से मिलने का अधिकार भी इमरान से छीन लिया गया है, जो अदालत की अवमानना है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि इमरान की पत्नी बुशरा बीबी को भी परिवार से मिलने से रोका जा रहा है। उन्होंने न्यायपालिका से अपील की कि वह कार्यपालिका द्वारा किए जा रहे न्यायिक आदेशों के उल्लंघन के बीच अपनी स्वतंत्रता और साख को बहाल करे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)