
जापानी प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Japanese Tourists In China: ताइवान को लेकर दिए गए बयान के बाद चीन और जापान के बीच पैदा हुए कूटनीतिक तनाव का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। जापान आने वाले चीनी पर्यटकों की संख्या में आई सुस्ती ने दोनों देशों के बिगड़ते रिश्तों की तस्वीर और साफ कर दी है।
जापान के प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची ने बुधवार को कहा कि ताइवान पर उनकी टिप्पणियों के बावजूद जापान चीन के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चीन जापान के लिए एक अहम पड़ोसी है। हमें रचनात्मक और स्थिर संबंधों की जरूरत है। जापान ने बातचीत के दरवाजे बंद नहीं किए हैं।
हालांकि, 7 नवंबर को संसद में दिए गए उनके बयान ने इस विवाद को जन्म दिया। विपक्षी सांसद के सवाल के जवाब में ताकाइची ने कहा था कि यदि स्व-शासित लोकतांत्रिक द्वीप ताइवान पर हमला होता है तो टोक्यो सैन्य हस्तक्षेप कर सकता है। इस बयान को बीजिंग ने सीधे तौर पर उकसावे के रूप में लिया।
चीन ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और उसे अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग की धमकी देता रहा है। ताकाइची के बयान के बाद चीन की ओर से कड़ी कूटनीतिक प्रतिक्रिया आई। बीजिंग ने अपने नागरिकों को जापान यात्रा से बचने की सलाह जारी कर दी, जिसका असर अब पर्यटन आंकड़ों में नजर आने लगा है।
द जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जापान नेशनल टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन (जेएनटीओ) द्वारा जारी ताजा आंकड़े बताते हैं कि पिछले महीने चीन से जापान आने वाले पर्यटकों की संख्या में साल-दर-साल सिर्फ 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यह जनवरी 2022 के बाद सबसे कम वृद्धि है।
जेएनटीओ के मुताबिक, नवंबर में करीब 5.6 लाख चीनी पर्यटक जापान पहुंचे। संगठन ने साफ तौर पर कहा कि यह मामूली बढ़त चीन की ओर से जारी यात्रा चेतावनी का नतीजा है। इससे पहले कई महीनों तक चीनी पर्यटकों की संख्या में दोहरे अंकों में वृद्धि देखी जा रही थी। अक्टूबर में यह वृद्धि 22.8 फीसदी, सितंबर में 18.9 फीसदी और अगस्त में 36.5 फीसदी दर्ज की गई थी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चीन जापान के लिए विदेशी पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत है। साल 2025 के पहले नौ महीनों में करीब 7.5 मिलियन चीनी पर्यटक जापान पहुंचे, जो कुल विदेशी पर्यटकों का लगभग एक चौथाई हिस्सा है। कमजोर येन के चलते चीनी पर्यटकों ने तीसरी तिमाही में करीब 3.7 अरब डॉलर के बराबर खर्च किया।
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जेएनटीओ ने यह भी बताया कि पिछले साल औसतन हर चीनी पर्यटक ने अन्य देशों के पर्यटकों की तुलना में 22 फीसदी ज्यादा खर्च किया था जिससे जापानी अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा मिला।
इसी बीच, इस महीने तनाव और बढ़ गया जब चीनी सैन्य विमानों ने जापानी जेट विमानों पर रडार लॉक कर दिया। इस घटना के बाद टोक्यो ने बीजिंग के राजदूत को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह तनाव लंबे समय तक बना रहा, तो इसका असर केवल कूटनीति तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी गहरा पड़ेगा।






