बांग्लादेश कट्टरपंथी पार्टियों की ताकत में इजाफा (फोटो- सोशल मीडिया)
Bangladesh Election: बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस ने अगले साल देश में आम चुनाव करवाने का फैसला किया है। इसी बीच एक रिपोर्ट सामने आई है कि देश में जमात-ए-इस्लामी जैसी कट्टरपंथी पार्टियों ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। हालांकि, इसमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग चुनाव का हिस्सा नहीं है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हसीना पर भ्रष्ठाचार के आरोप में बैन लगा दिया है।
बांग्लादेश में आगामी चुनाव से पहले जमात-ए-इस्लामी ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और देश में शरीयत आधारित शासन व्यवस्था लागू करने की दिशा में जोरदार प्रयास कर रही है। जमात सहित अन्य कट्टरपंथी संगठन खुले तौर पर बांग्लादेश को एक इस्लामी राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग उठा रहे हैं।
अंतरिम सरकार में फिलहाल जमात का दबदबा है और आदेश भी उसी ओर से जारी किए जा रहे हैं। हाल ही में जमात के महासचिव मियां गुलाम परवार ने सरकारी स्कूलों को डांस टीचर की नियुक्त करने की योजना छोड़कर धार्मिक शिक्षा देने वाले शिक्षकों को नियुक्त करने का निर्देश दिया। उनका कहना है कि धार्मिक शिक्षा सभी समुदायों के लिए अनिवार्य है, जबकि संगीत और नृत्य निजी स्तर पर सीखे जा सकते हैं।
जमात और कट्टरपंथी संगठन यह दावा कर रहे हैं कि समाज में नैतिक मूल्यों में गिरावट आई है। उनका मानना है कि धार्मिक शिक्षा ही बच्चों को आदर्श नागरिक बना सकती है। इस तरह के प्रतिबंध तालिबान शासित अफगानिस्तान में भी लागू हैं। बांग्लादेश में महिलाओं पर नैतिक पहरेदारी बढ़ गई है। अब सवाल यह है कि अगर चुनाव में बीएनपी की सरकार बनती है और खालिदा जिया प्रधानमंत्री बनती हैं, तो इन हालात से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।
शेख हसीना के देश छोड़कर जाने के बाद से ही बांग्लादेश में कट्टरपंथी संगठनों का हौसले बुंलद हैं। पिछले साल हुए छात्र आंदोलन के दौरान भी जमात से जुड़े इस्लामिक छात्र ने अहम भूमिका निभाई थी। हसीना के हटने के पहले ही हफ्ते में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं, पर 200 से अधिक हमले हुए थे, जो आगे और बढ़ गए।
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अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने फरवरी 2026 में चुनाव कराने का आश्वासन दिया है। भारत स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है। यूनुस के कार्यकाल में भारत-बांग्लादेश संबंधों में खटास आई है, लिहाजा भारत एक स्थिर और निर्वाचित सरकार को तरजीह देगा।