इजरायल का गाजा पर खौफनाक हमला, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
गाजा पट्टी: हमास आतंकियों के साथ युद्धविराम की कोशिशें विफल होने के बाद इजरायल ने गाजा पर जबरदस्त सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गाजा के मेडिकल सूत्रों ने बताया कि शनिवार को इजरायली हमलों में कम से कम 110 फिलिस्तीनियों की मौत हुई। इनमें से 34 लोग दक्षिणी राफा इलाके में मारे गए, जहां वे गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) के सहायता केंद्र के बाहर भोजन पाने के लिए कतार में खड़े थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इजरायली सेना ने बिना किसी पूर्व चेतावनी के सीधे लोगों पर फायरिंग शुरू कर दी।
अमेरिका, कतर और मिस्र की मध्यस्थता में इज़रायल और हमास के बीच संघर्ष विराम की जो बातचीत चल रही थी, वह असफल हो गई है। इसके चलते इज़राइली सेना ने अपने हमलों को और अधिक तेज़ और आक्रामक बना दिया है। इज़राइल अब गाज़ा की पूरी आबादी को अन्य जगहों पर स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है। वहीं, हमास और फिलिस्तीनी पक्ष इस कदम को ज़बरन बेदखली करार देते हुए इसकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं।
राफा के अल-शाकूश इलाके में मौजूद बचे हुए लोगों और चश्मदीदों ने बताया कि इज़रायली सैनिकों ने गाजा में एक सहायता केंद्र के सामने जुटी भीड़ पर सीधे फायरिंग की। संयुक्त राष्ट्र और कई मानवाधिकार संगठनों ने इन राहत केंद्रों को “मौत के फंदे” और “नरसंहार के स्थल” कहा है।
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हमले में बाल-बाल बच गए समीर शात ने बताया कि उस समय चारों तरफ खून ही खून दिख रहा था, मानो कोई खून की नदी बह रही हो। जिन बोरियों से उन्हें भोजन मिलने की आशा थी, अब उन्हीं में शवों को लपेटा जा रहा था। अल्लाह की कसम, यह जगह बस मौत का जाल बन चुकी है। एक और बचे हुए व्यक्ति मोहम्मद बारबाक और उनके पिता ने बताया कि इज़रायली स्नाइपर्स ने लोगों को सीधे निशाना बनाया। “वे हमें बुलाते हैं, कहते हैं आओ, राहत सामग्री लो लेकिन जैसे ही हम बैग उठाते हैं, हम पर ऐसे गोलियां चलती हैं जैसे हम जानवर हों।”
बता दें कि पिछले 48 घंटों के दौरान, इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में लगभग 250 ठिकानों पर हमला किया। इनमें आतंकियों के ठिकाने, हथियार भंडार, टैंक विरोधी मिसाइल लॉन्च साइटें, स्नाइपर की चौकियां, सुरंगें और हमास से जुड़े अन्य ढांचागत लक्ष्य शामिल थे।