इजरायली हमले से दहल उठा लेबनान, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Lebanon Israel conflict: दक्षिणी लेबनान में रविवार को इजरायली ड्रोन हमले में पांच लोगों की जान चली गई, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल थे। लेबनान की संसद के अध्यक्ष नबीह बेरी ने बताया कि मृतकों में चार अमेरिकी नागरिक थे इनमें तीन बच्चे और उनके पिता शामिल हैं। इस हमले में दो लोग घायल भी हुए। गौरतलब है कि अमेरिकी मध्यस्थता से हुए संघर्षविराम समझौते के तहत हिजबुल्ला और इजरायल को दक्षिणी लेबनान से अपनी सेनाएं हटानी थीं और एक-दूसरे पर हमले रोकने थे।
लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ औन ने इजरायल के ताजा हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे “नरसंहार” करार दिया है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि इजरायल पर युद्धविराम समझौते का पालन कराने के लिए दबाव बनाया जाए। अपने सोशल मीडिया संदेश में राष्ट्रपति औन ने कहा कि न्यूयॉर्क में हम शांति और मानवाधिकारों पर चर्चा करने आए हैं, लेकिन इजरायल लगातार अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तावों की अनदेखी कर रहा है। बिंट जेबेल में हुआ यह नरसंहार युद्धविराम उल्लंघन का ताजा उदाहरण है।
इजरायली सेना ने बताया कि उसका निशाना एक हिज़बुल्लाह आतंकवादी था, जो आम नागरिकों के बीच से अपनी गतिविधियां चला रहा था। सेना ने माना कि इस हमले में नागरिकों की भी मौत हुई है और घटना की जांच की जा रही है। बयान में कहा गया कि आईडीएफ हिज़बुल्लाह जैसे आतंकी संगठन के खिलाफ अभियान जारी रखे हुए है और इजराइल की सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे को खत्म करने की कार्रवाई करता रहेगा।
इजरायल का दावा है कि वह लेबनान के दक्षिणी इलाकों में मौजूद हिज़बुल्लाह के ठिकानों और ढांचों को निशाना बना रहा है। युद्धविराम के बाद से हिज़बुल्लाह ने केवल एक बार सीमा पार से हमले की जिम्मेदारी ली है, लेकिन इजरायली सेना का कहना है कि यह संगठन फिर से अपनी ताकत और क्षमताओं को खड़ा करने की कोशिश में जुटा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले न्यूयॉर्क पहुंचे राष्ट्रपति जोसेफ औन ने हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि इजरायल पर दबाव बनाया जाए ताकि ऐसे हमले रोके जा सकें। औन ने प्रधानमंत्री नवाफ सलाम की सरकार के साथ उस समझौते का समर्थन किया था, जिसमें हिजबुल्लाह को धीरे-धीरे निरस्त्र करने की बात कही गई थी। अपने बयान में औन ने कहा, “हमारे बच्चों के खून से बढ़कर कोई शांति नहीं हो सकती।” उन्होंने याद दिलाया कि हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच लंबे समय तक चले संघर्ष में करीब 4,000 लेबनानी नागरिक मारे गए और दक्षिण व पूर्वी इलाकों के लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए।
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हिजबुल्लाह के सांसद हसन फदलल्लाह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संरक्षण के तहत मिली आधिकारिक सुरक्षा ने उन्हें कभी स्थिरता या सुरक्षा नहीं दी। उनके अनुसार, दुश्मन के हमले और हत्याएं लोगों को जमीन और अधिकार छोड़ने पर मजबूर नहीं करेंगी। बल्कि इससे दक्षिणी लेबनान के लोग प्रतिरोध के रास्ते पर और मजबूत होंगे।