नवाफ सलाम फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
बेरूत: लेबनान में लंबे समय से चल रहे संघर्ष और इजराइल के साथ टकराव के बाद अब हालात में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। 9 जनवरी को जोसेफ औन ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इसके साथ ही देश को नया प्रधानमंत्री भी मिल गया है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के अध्यक्ष नवाफ सलाम (71) को लेबनान का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।
बता दें कि लेबनान के संसद में 128 सदस्य थे, जिनमें से दो तिहाई ने न्यायाधीश के पक्ष में वोट दिया और उन्हें प्रधानमंत्री चुन लिया। लेबनान में प्रधानमंत्री का पद सुन्नी मुस्लिम समुदाय के लिए रिजर्व है। लेबनान में इससे पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती थे। मिकाती को इस चुनाव में सिर्फ 9 वोट मिले, जबकि हिजबुल्लाह ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था और मिकाती का समर्थन किया था। नवाफ सलाम अभी भी ICJ के प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं । नवाफ सलामल को सऊदी के साथ-साथ पश्चिमी देशों का भी समर्थन मिला हुआ है।
लेबनान में 14 महीने चले इजराइल-हिजबुल्लाह युद्ध ने भारी तबाही मचाई, जिसमें 4,000 से ज्यादा लोगों की जान गई और 16,000 से अधिक लोग घायल हुए। ऐसे मुश्किल समय में नवाफ सलाम को उम्मीद की नई किरण माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि नवाफ सलाम, जो सऊदी अरब और पश्चिमी देशों की पसंद हैं, लेबनान को इस संकट से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं। उनकी अंतरराष्ट्रीय पहचान और कूटनीतिक अनुभव उन्हें इस चुनौती से निपटने के लिए एक उपयुक्त नेता बनाते हैं।
इजराइल के साथ युद्ध में बड़ा नुकसान झेलने वाले हिजबुल्लाह के लिए लेबनान में पश्चिमी और सऊदी समर्थित प्रधानमंत्री की नियुक्ति अच्छी खबर नहीं मानी जा रही। हिजबुल्लाह के सांसदों के प्रमुख मोहम्मद राद ने नए राष्ट्रपति जनरल जोसेफ औन से मुलाकात के बाद कहा कि वे नई सरकार के कार्यों पर नजर रखेंगे। उन्होंने कहा, “हम यह देखेंगे कि नई सरकार कब्जाधारियों को देश छोड़ने पर मजबूर करने, कैदियों की वापसी और पुनर्निर्माण जैसे अहम मुद्दों पर क्या कदम उठाती है।”
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इसके साथ ही उन्होंने इजराइल-हिजबुल्लाह युद्ध को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को लागू करने की मांग की। बता दें कि हिजबुल्लाह को नई सरकार से ज्यादा समर्थन मिलने की उम्मीद नहीं है, जिससे क्षेत्र में हालात और जटिल हो सकते हैं।
लेबनान लंबे समय से आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। अक्टूबर 2022 से देश में राष्ट्रपति का पद खाली था। इस दौरान देश की सरकार कार्यवाहक रूप से काम कर रही थी। हाल ही में लेबनान को नया राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तो मिल गए हैं, लेकिन अब संसद के अध्यक्ष का चुनाव बाकी है। परंपरा के अनुसार, यह पद शिया मुस्लिम समुदाय से संबंधित व्यक्ति को दिया जाता है।
इस संकट के बीच लेबनान को हिज़बुल्लाह और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में देश के सामने आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता बहाल करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।