
शहबाज शरीफ (सोर्स- सोशल मीडिया)
Shehbaz Sharif on Turkmenistan Neutrality Anniversary Forum: पाकिस्तान और तालिबान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस स्थिति में, पाकिस्तान की प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि तालिबान पर दबाव डालकर हिंसा रोकने का आग्रह किया जाए। शहबाज शरीफ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान से अपने दायित्व निभाने और वहां सक्रिय आतंकवादी समूहों को नियंत्रित करने का आग्रह करना चाहिए।
शहबाज ने यह बयान तुर्कमेनिस्तान की स्थायी तटस्थता की 30वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय मंच को संबोधित करते हुए दिया। इस मंच में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान सहित कई वैश्विक नेता शामिल थे।
आतंकवाद की हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए शहबाज ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगान तालिबान शासन पर अपने दायित्वों और प्रतिबद्धताओं को निभाने और आतंकवादी तत्वों पर नियंत्रण लगाने का आग्रह किया। उन्होंने कतर, तुर्की, सऊदी अरब, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात का धन्यवाद भी किया, जिन्होंने इस्लामाबाद और काबुल के बीच संघर्ष विराम स्थापित करने में मदद की।
दिलचस्प बात ये है कि एक तरफ जहां शहबाज शरीफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तालिबान को रोकने की गुहार लगा रहे है। वहीं दूसरी तरफ उनके सेना प्रमुख आसिम मुनीर तालिबान के खिलाफ बयान देते नजर आ रहे हैं। उन्होंने हाल ही में अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि, तालिबान या तो टीटीपी को चुन ले या फिर पाकिस्तान को।
ध्यान देने वाली बात है पाकिस्तान अभी भी अपनी सीमा पर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी समूहों को सक्रिय होने का अवसर देता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर वह दूसरों से यही उम्मीद करता है कि वे आतंकवाद का समर्थन न करें।
यह भी पढ़ें: टैरिफ के बाद ट्रंप का एक और झटका! PAX सिलिका इनिशिएटिव से भारत बाहर, AI चिप पर रोक
शहबाज के अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी जोरदार भाषण दिया। उन्होंने तुर्कमेनिस्तान की शांति और गैर-हस्तक्षेप की प्रतिबद्धता की तारीफ करते हुए कहा कि केवल संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित वैश्विक व्यवस्था ही अस्थिरता को रोक सकती है। पुतिन ने रूस और तुर्कमेनिस्तान के बीच बढ़ती साझेदारी पर भी प्रकाश डाला और कहा कि वैश्विक अस्थिरता के इस दौर में तटस्थता, संप्रभुता और आपसी सम्मान बेहद आवश्यक हैं।






