
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nashik Bribe News: नासिक महापालिका के राष्ट्रीय फेरीवाला नीति विभाग के कनिष्ठ लिपिक राजेंद्र पांडुरंग भोरकडे सात हजार रुपये रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के जाल में फंस गए। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है और इस प्रकरण में सरकारवाड़ा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार, यह रिश्वत महापालिका मुख्यालय, राजीव गांधी भवन के तलमजले के पास स्थित पुरुष प्रसाधनगृह के बगल में ली गई। शिकायतकर्ता के भाई दिव्यांग हैं और उनकी स्नैक्स की हाथगाड़ी अतिक्रमण विभाग ने उठाकर ले गई थी। शिकायतकर्ता ने उपआयुक्त से मिलकर हाथगाड़ी लौटाने और उसे अमृतधाम हॉकर जोन में लगाने की अनुमति देने की विनती की।
उपआयुक्त के निर्देश मिलने के बाद भी भोरकडे ने हाथगाड़ी लौटाने में विलंब किया और 18 हजार रुपये का दंड न भरने के बदले 9 दिसंबर को पहली बार 9 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। इसके बाद बातचीत के बाद रिश्वत 7 हजार रुपये तय हुई।
11 दिसंबर को एसीबी ने पंचों की मौजूदगी में जाल बिछाकर राजेंद्र भोरकडे को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। इस कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक नेहा सूर्यवंशी और टीम के पुलिस हवलदार विनोद चौधरी और अनिल गांगोडे शामिल थे।
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एसीबी ने इस मामले में कहा कि यह कार्रवाई सार्वजनिक कर्मचारियों में ईमानदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए की गई है। नासिक महापालिका में इस कार्रवाई से अन्य कर्मचारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रयासों को तेज करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।






