
भारत-रूस संबंध के बीच में आई महिला, फोटो, (सो. सोशल मीडिया)
India Russia Relations: भारत के सुप्रीम कोर्ट में इस समय एक ऐसा केस चल रहा है जिसने कानूनी दायरे से आगे बढ़कर भारत और रूस के रिश्तों को चर्चा में ला दिया है। यह मामला विक्टोरिया बसु केस के नाम से जाना जा रहा है जिसमें एक रूसी महिला और भारतीय नागरिक के बीच तलाक और बच्चे की कस्टडी को लेकर विवाद चल रहा है।
विक्टोरिया नाम की यह रूसी महिला भारत में सैकत बसु नाम के भारतीय नागरिक से शादी के बंधन में बंधी थीं। दोनों का एक बेटा हुआ लेकिन कुछ सालों बाद उनके रिश्ते में दरार आने लगी। मामला तलाक तक पहुंच गया और बच्चे की कस्टडी को लेकर दोनों के बीच कानूनी जंग शुरू हो गई।
इसी दौरान अचानक विक्टोरिया अपने बेटे के साथ गायब हो गईं। आरोप है कि उन्होंने भारत से नेपाल के रास्ते भागकर रूस पहुंच गई। जांच एजेंसियां मां और बेटे के ठिकाने का पता लगाने में जुटी हैं, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी दूतावास की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा।
जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आया, तो अदालत ने इस पर गंभीरता जताई और कहा कि हम ऐसा कोई आदेश नहीं देना चाहते जिससे भारत और रूस के रिश्ते खराब हों। लेकिन यह एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मामला है। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि विक्टोरिया ने वीजा नियमों और आप्रवासन कानूनों का उल्लंघन किया है, जिसके चलते मानव तस्करी जैसी गंभीर आशंकाएं भी जताई जा रही हैं।
यह भी पढ़ें:- ASEAN: रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत की जमकर सराहना, राजनाथ सिंह ने पेश की नई पहलें
अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद रूसी दूतावास ने भी अपना बयान जारी किया है। दूतावास ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर सामने आई खबरें केवल अटकलों पर आधारित हैं और इनमें सच्चाई नहीं है। बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि दूतावास अपने दायित्वों के तहत रूसी नागरिकों के अधिकारों और वैध हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और यह सब भारतीय कानूनों के पूर्ण पालन में किया जाता है। विक्टोरिया बसु के मामले में दूतावास भारतीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है।






