तस्वीर में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन
नई दिल्ली: भारत और रूस ने बुधवार को अपने संयुक्त आयोग की दूसरी बैठक के दौरान जोखिम पूर्वानुमान और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए अंतरिक्ष निगरानी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर चर्चा की। एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान के मुताबिक रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित इस बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने आयोग की कार्ययोजना पर हस्ताक्षर किए जिसे 2025-26 के दौरान क्रियान्वित किया जाएगा।
इसमें कहा गया है कि दोनों देशों ने 2025-2026 के दौरान इस योजना को लागू करने पर सहमति व्यक्त की और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं तथा सीखों का आदान-प्रदान जारी रखने का भी निर्णय लिया।
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भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय कर रहे थे, जबकि रूसी पक्ष का नेतृत्व नागरिक सुरक्षा, आपात स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं के परिणामों के उन्मूलन मंत्री कुरेनकोव अलेक्सांद्र व्याचेस्लावोविच ने किया।
बैठक के दौरान इस पर बनी बात
बैठक के दौरान, सहयोग के समग्र ढांचे के भीतर तीन प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया – जोखिम पूर्वानुमान और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए अंतरिक्ष निगरानी प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल, बड़े पैमाने पर आपदाओं का जवाब देने के अनुभवों का आदान-प्रदान और अग्निशमन एवं बचाव विशेषज्ञों के प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग।
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दोनों पक्षों ने आयोग की अगली बैठक 2026 में भारत में आयोजित करने की मंशा भी व्यक्त की। आपातकालीन प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत-रूस संयुक्त आयोग की पहली बैठक 2016 में यहां आयोजित की गई थी।