जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Germany Foreign Minister India visit: जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल मंगलवार सुबह दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत पहुंचे। उनका यह दौरा भारत-जर्मनी रिश्तों की बढ़ती रणनीतिक अहमियत को दर्शाता है। भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने 2 से 3 सितंबर तक होने वाली इस यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि यह दौरा दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच मजबूत और गहराते संबंधों का प्रतीक है। जर्मनी के विदेश मंत्री के रूप में वाडेफुल की यह भारत की पहली यात्रा है।
जर्मन विदेश मंत्री वाडेफुल ने भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का अहम साझेदार बताते हुए दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग की गहराई और विस्तार पर जोर दिया।
अपने भारत दौरे से पहले उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्तर पर मजबूत रिश्तों से जुड़े हैं। सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, नवाचार और कुशल श्रमिकों की भर्ती जैसे क्षेत्रों में हमारी रणनीतिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। वाडेफुल अपनी यात्रा की शुरुआत बेंगलुरु से करेंगे, जहां वे इसरो मुख्यालय जाएंगे। यह दौरा इस बात का संकेत है कि जर्मनी भारत के साथ अंतरिक्ष सहयोग को लेकर गहरी दिलचस्पी रखता है।
जर्मनी के मंत्री इसके बाद नई दिल्ली पहुंचेंगे, जहां बुधवार को उनकी कई अहम बैठकें तय हैं। वे विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगे। चर्चा का एजेंडा व्यापार, सुरक्षा, हरित ऊर्जा, डिजिटल बदलाव और वैश्विक शासन जैसे विषयों पर केंद्रित रहेगा।
वाडेफुल ने भारत-जर्मनी संबंधों की नींव साझा लोकतांत्रिक मूल्यों को बताते हुए कहा कि समान सोच रखने वाले देशों को अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए मिलकर प्रयास करने चाहिए।
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उन्होंने कहा कि भारत जो दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश और सबसे बड़ा लोकतंत्र है, उसकी आवाज़ अब वैश्विक मंचों पर लगातार और अधिक प्रभावशाली होती जा रही है। इससे पहले, मई में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बर्लिन यात्रा के दौरान वाडेफुल से मुलाकात की थी और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की थी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)