गाजा में बढ़ी भूखमरी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
गाजा पट्टी: गाजा में इस बार ईद-उल-अजहा की नमाज मस्जिदों के बजाय घरों, स्कूलों और धार्मिक स्थलों के मलबे के बीच अदा की गई। फिलहाल कोई युद्धविराम की संभावना नजर नहीं आ रही है और लोगों के लिए भोजन का इंतजाम भी नहीं है। ईद के दौरान जो परंपरागत कार्यक्रम जैसे बलि का मांस खाना, सामूहिक भोज और बच्चों को तोहफे देना होता था, वह सब पूरी तरह बदल गया है।
गाजा में अब केवल एक ही मुद्दा चर्चा में है भोजन की कमी। इसके पहले एक वायरल पोस्ट में यह दावा किया गया था कि गाजा में पारले-जी बिस्किट 24 यूरो यानी करीब 2,400 रुपये में बिक रहे हैं।
गाजा के बाजारों में जरूरी सामानों की कीमतें इतनी बढ़ चुकी हैं कि आम लोग इन्हें खरीदने में असमर्थ हैं। मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में 1 किलो टमाटर का दाम 1106, 1 लीटर खाने का तेल 4177 रुपये, 1 कप कॉफी दाम 4423 रुपये, 1 किलो आटा 1474 रुपये और 1 किलो चीनी 4914 रुपये, में बिक रही है। ये कीमतें उस इलाके के लिए बहुत ज्यादा हैं, जहां ज्यादातर लोगों के पास कोई स्थिर आमदनी नहीं है।
इजरायल का आरोप है कि हमास सहायता सामग्री को अपने कब्जे में ले रहा है। एक मीडिया चैनल से बातचीत में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता गाय निर ने बताया कि गाजा के नकाबपोश हमास बंदूकधारी ही गाजा के आम लोगों पर गोली चला रहे हैं, क्योंकि हमास इस अभियान को सफल नहीं होने देना चाहता। पिछले डेढ़ साल में गाजा में भेजे गए लगभग 80% सहायता ट्रकों को हमास ने अपने कब्जे में ले लिया है।
हमास इन मदद की वस्तुओं को महंगी कीमतों पर बेचकर अपने आर्थिक और राजनीतिक दबदबे को कायम रख रहा है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि संगठन ने चेतावनी दी है कि सितंबर तक लगभग 5 लाख गाजा के लोग गंभीर खाद्य संकट का सामना करेंगे, जो भुखमरी से ठीक पहले की सबसे गंभीर स्थिति मानी जा रही है।