यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल करेगा बांग्लादेश का दौरा (फोटो- सोशव मीडिया)
European Delegation visit to Bangladesh: बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र द डेली स्टार ने ढाका में स्थित यूरोपीय संघ मिशन द्वारा जारी एक बयान के हवाले से बताया है कि यूरोपीय संघ के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में अर्कादियस मुलार्जिक (ECR, पोलैंड), उर्मास पैएट (रिन्यू यूरोप, एस्टोनिया), मानवाधिकार उपसमिति के अध्यक्ष मुनीर सतौरी (ग्रीन्स/ईएफए, फ्रांस), इसाबेल विसेलर-लीमा (ईपीपी, लक्ज़मबर्ग) और कैटरीना विएरा (द ग्रीन्स/ईएफए, नीदरलैंड) शामिल हैं।
इस दौरे के दौरान, यूरोपीय संघ का यह प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रतिनिधियों और सिविल सोसाइटी के साथ यूरोपीय संघ-बांग्लादेश संबंधों के मानवाधिकार पहलुओं पर चर्चा करेगा। साथ ही, वे रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों का भी दौरा करेंगे। इसके अतिरिक्त, प्रतिनिधिमंडल गैर-सरकारी संगठनों, श्रमिक प्रतिनिधियों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले बहुपक्षीय संगठनों के सदस्यों से भी बातचीत करेगा।
जानकारी के मुताबिक, शेख हसीना की विदाई और मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सत्ता पर काबिज होने के बाद से ऐसी कई खबरें और तस्वीरें आईं जो जताती हैं कि बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है। खासकर हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के साथ ज्यादती हुई है।
इस हफ्ते की शुरुआत में, जिनेवा में चल रहे मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र के दौरान, इंटरनेशनल फोरम फॉर सेक्युलर बांग्लादेश के कार्यकारी अध्यक्ष रहमान खलीलुर मामून ने बांग्लादेश की स्थिति पर प्रकाश डाला था। उन्होंने बताया था कि यहां हिंदू, ईसाई, बौद्ध और यहीं के मूल निवासी सांप्रदायिक हिंसा से पीड़ित हैं।
उन्होंने वर्तमान सत्ता द्वारा अपराधियों के प्रति सहानुभूति का भी जिक्र किया था और बांग्लादेश में धर्मनिरपेक्षता, अल्पसंख्यक अधिकारों और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तत्काल मदद की गुहार लगाई थी।
हाल ही में जारी एक रिपोर्ट, जिसका शीर्षक है ‘अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघन’, ने यूनुस सरकार की देखरेख में बांग्लादेश में बढ़ रहे मानवाधिकार हनन, राजनीतिक उत्पीड़न और राष्ट्रीय अस्थिरता की गंभीर स्थिति को उजागर किया है।
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रिपोर्ट में बताया गया है कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं में लगभग 637 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, कानून प्रवर्तन एजेंसियों की हिरासत में 47 लोगों की न्यायेतर हत्या की गई है। साथ ही, अवामी लीग से जुड़े 21 राजनीतिक बंदियों की जेल में ही मृत्यु हो चुकी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)