मोहम्मद यूनुस, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
लंदन: भारत और बांग्लादेश के बीच हाल के समय में संबंध पूरी तरह सामान्य नहीं रहे हैं। इसी बीच, बांग्लादेश के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने दोनों देशों के रिश्तों पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। यूनुस ने कहा कि उनकी कार्यवाहक सरकार भारत के साथ बेहतर संबंध बनाना चाहती है, लेकिन किसी न किसी कारण से चीजें बिगड़ जाती हैं। लंदन स्थित ‘चाथम हाउस’ थिंक टैंक की निदेशक ब्रोनवेन मैडॉक्स के साथ हुई बातचीत में यूनुस ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों, लोकतांत्रिक प्रक्रिया और अन्य मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
मैडॉक्स ने यूनुस से शेख हसीना के प्रत्यर्पण के मामले पर सवाल किया। इसके जवाब में यूनुस ने कहा, “यह प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह पूरी तरह से कानूनी और न्यायसंगत तरीके से हो। हम भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाना चाहते हैं। चूंकि वह हमारा पड़ोसी देश है, इसलिए हम नहीं चाहते कि उनके साथ कोई मूलभूत मतभेद उत्पन्न हो।”
जब हसीना को लेकर भारत की भूमिका के बारे में पूछा गया, तो यूनुस ने कहा कि (हसीना के विरोध में) सारा गुस्सा अब भारत की तरफ मोड़ दिया गया है, क्योंकि वह वहां चली गई हैं। उन्होंने आगे बताया कि जब मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने का अवसर मिला, तो मैंने सिर्फ इतना कहा: आप उन्हें आश्रय देना चाहते हैं, मैं आपको यह नीति बदलने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। लेकिन, कृपया हमारी मदद करें कि वह बांग्लादेश के लोगों से उस तरह बात न करें, जैसा वह (ऑनलाइन) कर रही हैं। यूनुस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें जवाब दिया कि हसीना की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नियंत्रण संभव नहीं है।
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के दबाव के कारण पिछले साल 5 अगस्त को शेख हसीना को न सिर्फ अपना पद त्यागना पड़ा, बल्कि उन्हें ढाका से भी बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। हसीना के खिलाफ देश में कई मामले दर्ज किए गए हैं।
मुहम्मद यूनुस (84) ने पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख का पद संभाला था। उन्होंने पिछले सप्ताह यह घोषणा की कि 2026 की पहली छमाही में राष्ट्रीय चुनाव कराए जाएंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह चुनाव के बाद बनी सरकार में शामिल होने पर विचार करेंगे, तो यूनुस ने स्पष्ट जवाब दिया “बिल्कुल नहीं।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)