
दिल्ली हाई कोर्ट (Image- Social Media)
National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में कानूनी हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। जांच एजेंसी ईडी ने रॉउज एवेन्यू कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग चार्जशीट को ‘गैर-कानूनी’ बताते हुए उस पर संज्ञान लेने से मना कर दिया गया था।
जांच एजेंसी ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रॉउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले की समीक्षा की मांग की है। दरअसल, निचली अदालत ने ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह एक निजी शिकायत पर आधारित थी, न कि किसी प्रीडिकेट ऑफेंस (आधारभूत अपराध) की एफआईआर पर। रॉउज एवेन्यू कोर्ट का तर्क था कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच शुरू करने के लिए एफआईआर का होना अनिवार्य है। इसके विपरीत, ईडी ने अपनी अपील में कहा है कि ट्रायल कोर्ट के फैसले में कई कानूनी खामियां हैं और इस शिकायत पर आगे बढ़ना जरूरी है।
इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 3 अक्टूबर को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसी बीच, स्पेशल जज विशाल गोगने ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें गांधी परिवार को एफआईआर की कॉपी देने का निर्देश दिया गया था। अदालत ने स्पष्ट किया कि आरोपी एफआईआर की कॉपी पाने के हकदार नहीं हैं, हालांकि उन्हें यह जानकारी दी जा सकती है कि उनके खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा सहित अन्य नेताओं ने मिलकर साजिश रची और मनी लॉन्ड्रिंग की। एजेंसी के अनुसार, यंग इंडियन नामक कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की करीब दो हजार करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कथित तौर पर धोखाधड़ी से कब्जा किया।
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ईडी का दावा है कि यंग इंडियन में गांधी परिवार की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है और इस कंपनी ने महज 90 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले एजेएल की भारी-भरकम संपत्तियों को अपने नाम कर लिया। जांच एजेंसी ने इस पूरे मामले में अपराध से अर्जित आय की राशि लगभग 988 करोड़ रुपये आंकी है। दिल्ली हाई कोर्ट अब ईडी की इस अर्जी पर अगले हफ्ते सुनवाई कर सकता है।






