पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
पाकिस्तान की करतूतों को बेनकाब करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार को बेल्जियम पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने बेल्जियम में आतंकवाद के मुद्दे पर यूरोपीय देशों की निष्क्रियता को लेकर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों का रवैया दोहरी नीति को दर्शाता है, जहां वे आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने के बजाय केवल मूकदर्शक बने रहते हैं।
अकबर ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों के लिए एक समान नियम होने चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब भारत आतंक के खिलाफ कदम उठाता है तो उस पर संयम बरतने की सलाह दी जाती है, जबकि पश्चिमी देशों को उसी मसले पर खुली छूट दी जाती है उल्लेखनीय है कि यह प्रतिनिधिमंडल पहले ही ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और डेनमार्क का दौरा कर चुका है, जहां भारत की स्थिति और आतंकवाद को लेकर उसका नजरिया वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया गया।
उन्होंने सवाल किया कि क्या दुनिया में कानूनों का दोहरा मापदंड है एक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए और दूसरा भारत के लिए? “9/11 के हमले के बाद अमेरिका ने 12,000 किलोमीटर दूर जाकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सैन्य कार्रवाई की और पाकिस्तान को इसका जिम्मेदार ठहराया, जिसे जनरल मुशर्रफ ने भी स्वीकार किया। लेकिन जब भारतआतंकवाद के खिलाफ अपनी सीमा से महज 500 किलोमीटर दूर जाकर जवाब देता है, तो दुनिया हमें संयम रखने की नसीहत देती है।”
उन्होंने आगे सवाल किया, “क्या एक भारतीय विधवा के आंसू किसी अमेरिकी विधवा के आंसुओं से कम महत्व रखते हैं? क्या एक भारतीय की जान कीमती नहीं है?” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका और यूरोप को अब कठोर सवालों का सामना करना पड़ेगा और उन्हें इन सवालों के जवाब देने होंगे।
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शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पाकिस्तान पर तीखा वार करते हुए कहा कि आतंकियों को पनाह देना उसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था को अंदर से खोखला कर रहा है। उन्होंने पाकिस्तान की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और वहां की सेना के बढ़ते प्रभाव पर गंभीर चिंता जताई। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की भारत-विरोधी टिप्पणियों को कायरता और दोहरे मापदंड का उदाहरण करार दिया।
भाजपा के नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत का नजरिया न्याय पर आधारित है, बदले की भावना पर नहीं। उन्होंने सवाल किया कि क्या आतंकवाद से प्रभावित लोगों के मानवाधिकार नहीं हैं? उनका कहना था कि भारत ने हमेशा संयम दिखाया है, लेकिन अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के विषय में स्पष्ट और मजबूत कदम उठाए।