कीव से रूस को दहलाएंगे ट्रंप, (डिजाइन फोटो)
वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप एक ऐसे रास्ते पर बढ़ रहे हैं, जो संभावित रूप से विनाशकारी युद्ध की ओर ले जा सकता है। ट्रंप प्रशासन ने अपनी पहले की नीतियों से पलटते हुए अब यूक्रेन को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें देने का निर्णय लिया है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशासन यूक्रेन को अत्यधिक विनाशकारी टॉमहॉक मिसाइलें देने की योजना बना रहा है।
यूक्रेन अब इस मिसाइल की मदद से रूस की राजधानी मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग जैसे अहम शहरों पर घातक हमले करने में सक्षम हो गया है। साल की शुरुआत में ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन को दी जा रही सैन्य मदद पर अस्थायी रोक लगा दी थी, जिसमें पैट्रियट मिसाइल और 155 मिमी के गोले शामिल थे। लेकिन अब 14 जुलाई को राष्ट्रपति ट्रंप ने 10 अरब डॉलर का नया हथियार पैकेज मंजूर कर दिया है, जिसे अमेरिका अपने नाटो साझेदारों को देगा, और वे साझेदार इन हथियारों को यूक्रेन तक पहुंचाएंगे।
वॉशिंगटन पोस्ट की 15 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन को टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें भेजने की संभावना पर विचार कर रहे हैं। ये मिसाइलें रूस की सीमा में प्रवेश करके वहां के महत्वपूर्ण शहरों जैसे मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग को भी टारगेट कर सकती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, एक सूत्र ने बताया कि अभी तक कीव को दी जाने वाली हथियार सूची में टॉमहॉक मिसाइलों को शामिल नहीं किया गया है।लेकिन अगर अमेरिकी राष्ट्रपति युद्ध को और आक्रामक दिशा में ले जाने का निर्णय लेते हैं, तो इस मिसाइल को भविष्य में भेजा जा सकता है।
टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें अमेरिका के सबसे घातक हथियारों में गिनी जाती हैं। ये बेहद नीचे उड़ती हैं, जिससे रडार इन्हें पकड़ नहीं पाते। इनकी उड़ान क्षमता भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल से मिलती-जुलती है। इनकी मारक क्षमता करीब 1600 से 2500 किलोमीटर तक होती है, यानी अगर यूक्रेन इन्हें दागे तो ये सीधे मॉस्को, रूस के प्रमुख सैन्य ठिकानों या हथियार निर्माण केंद्रों को निशाना बना सकती हैं।
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इन मिसाइलों को रोक पाना रूस के एयर डिफेंस सिस्टम के लिए भी बेहद मुश्किल होगा। जून 2025 में अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए टॉमहॉक मिसाइलों और 30,000 पाउंड वजनी ‘बंकर बस्टर’ बम का इस्तेमाल किया था। ये मिसाइलें अमेरिका की एक पनडुब्बी से लगभग 400 मील दूर से छोड़ी गई थीं।
टॉमहॉक मिसाइल लगभग 450 किलोग्राम (1000 पाउंड) तक विस्फोटक सामग्री ले जाने में सक्षम है और किसी भी सैन्य लक्ष्य को अत्यधिक सटीकता से भेद सकती है। इस मिसाइल को उपग्रह-निर्देशित प्रणाली द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसके कारण इसकी हमला करने की क्षमता लगभग पूरी तरह सटीक मानी जाती है। इस मिसाइल को समुद्र में चलते युद्धपोतों से दागा जा सकता है, जिससे इसे रोक पाना और मुश्किल हो जाता है।
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इसके सभी वैरिएंट्स में उच्च स्तर की निशानेबाजी क्षमता होती है, जो किसी भी सैन्य ढांचे को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं। वर्ष 2024 में यूक्रेन ने अमेरिका से इस मिसाइल की आपूर्ति की मांग की थी, लेकिन तब अमेरिका ने युद्ध के और भी घातक दिशा में बढ़ने के डर से इसे टाल दिया था। अब जबकि युद्ध लंबा खिंच चुका है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप युद्ध रोकने में विफल साबित हो रहे हैं, तो उनकी साख पर उठते सवालों को देखते हुए यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें सौंपे जाने की संभावना काफी मजबूत हो गई है