
ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान कर रहा परमाणु परीक्षण, (कॉन्सेप्ट फोटो)
America Nuclear Policy: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को लेकर ऐसा बयान दिया है जिसने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। ट्रंप ने कहा है कि पाकिस्तान भी उन देशों में शामिल है जो गुप्त रूप से न्यूक्लियर टेस्ट कर रहे हैं। उनका कहना है कि उत्तर कोरिया, रूस और चीन जैसे देश नियमित रूप से परमाणु परीक्षण करते हैं लेकिन इसके बारे में खुलकर नहीं बोलते।
ट्रंप ने अमेरिकी टीवी चैनल सीबीएस के ’60 मिनट्स’ कार्यक्रम में दिए एक इंटरव्यू में कहा कि रूस और चीन परमाणु परीक्षण कर रहे हैं लेकिन वे इसके बारे में कुछ नहीं कहते। वे इसे छिपा लेते हैं। हम एक खुला समाज हैं इसलिए हम इस पर चर्चा करते हैं। जबकि अन्य देशों में ऐसा नहीं होता, वहां के पत्रकार इन मुद्दों पर रिपोर्ट नहीं करते।
उन्होंने आगे कहा कि अब अमेरिका भी 33 साल बाद फिर से परमाणु परीक्षण करने जा रहा है। ट्रंप ने इसे ‘समान आधार पर जवाब’ बताते हुए कहा कि अगर दूसरे देश लगातार अपने न्यूक्लियर सिस्टम की टेस्टिंग कर रहे हैं तो अमेरिका को भी अपनी क्षमताओं का परीक्षण करने का अधिकार है।
ट्रंप ने दावा किया कि पाकिस्तान भी परमाणु परीक्षण कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अब हम परीक्षण करेंगे क्योंकि वे करते हैं और निश्चित रूप से उत्तर कोरिया भी ऐसा कर रहा है। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर आखिरी परमाणु परीक्षण 1998 में चागई पहाड़ियों में किया था। उसके बाद से उसने किसी नए परीक्षण की घोषणा नहीं की है। अगर ट्रंप का दावा सही है तो यह भारत सहित पूरी दुनिया के लिए गंभीर सुरक्षा संकेत है।
उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश परमाणु संपन्न देश अपने परीक्षण जमीन के नीचे करते हैं ताकि किसी को पता न चले। बस थोड़ा कंपन महसूस होता है और लोग समझ नहीं पाते कि वास्तव में क्या हुआ। अब ट्रंप के इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा तेज हो गई है। विश्लेषकों का कहना है कि यदि पाकिस्तान वाकई गुप्त परीक्षण कर रहा है, तो दक्षिण एशिया में परमाणु संतुलन पर इसका गहरा असर पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें:- गाजा में नहीं बचेंगे एक भी आतंकी, सीजफायर के बाद भी जारी रहेगा वॉर; नेतन्याहू ने बताया प्लान
अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में न्यूक्लियर टेस्ट किया था जब शीत युद्ध समाप्त हुआ था। अब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्होंने पेंटागन को नई परीक्षण प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है, जो रूस और चीन की बढ़ती परमाणु गतिविधियों के जवाब में है।






