चानीज सेना का ताइवान के नजदीकी इलाके में युद्धाभ्यास(फोटो- सोशल मीडिया)
बीजिंग: चीन ने ताइवान पर अपनी संप्रभुता का दावा करने के लिए उसके आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार को संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया, जिसमें उसके कई बलों ने हिस्सा लिया। इस अभ्यास का मकसद ताइवान की ‘‘उन ताकतों को कड़ी चेतावनी” देना है जो स्वयं को स्वायत्त बताती हैं। ‘चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ईस्टर्न थिएटर कमांड’ के एक प्रवक्ता ने बताया कि कमान ने मंगलवार को ताइवान द्वीप के आसपास संयुक्त अभ्यास शुरू किया।
‘थिएटर कमांड’ के प्रवक्ता सीनियर कर्नल शी यी ने सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के हवाले से कहा कि कमान ने अपनी थलसेना, नौसेना, वायुसेना और रॉकेट बलों को कई दिशाओं से ताइवान द्वीप के पास पहुंचने के लिए संगठित किया।
ताइवान को चीन ने तरेरी आंख
चीन ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा मानता है। उसने हाल के दिनों में इसी तरह के सैन्य अभ्यास किए हैं, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता संभालने के बाद से ताइवान के आसपास यह पहला बड़ा सैन्य अभ्यास है। शी के अनुसार, ये अभ्यास मुख्य रूप से समुद्री एवं हवाई युद्ध के लिए तैयारी गश्त, उत्कृष्ट संयुक्त अभ्यास, समुद्री और जमीनी लक्ष्यों पर हमले का अभ्यास और सैनिकों की संयुक्त अभियानगत क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए प्रमुख क्षेत्रों और समुद्री मार्गों पर केंद्रित हैं। शी ने कहा कि यह अभ्यास ‘‘ताइवान की आजादी की समर्थक अलगाववादी ताकतों” के खिलाफ एक सख्त चेतावनी है और चीन की संप्रभुता एवं राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए एक वैध एवं आवश्यक कार्रवाई है।
नैंसी पॉवेल के दौरे से भड़क गया था चीन
बता दें कि चीन की नजरें तिब्बत के बाद अब ताइवान पर है। ताइवान अपने आप को अलग देश मानता है, लेकिन चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। इसको लेकर दुनिया देश अलग-अलग नजरिया रखते हैं। अमेरिकी स्पीकर नैंसी पॉओल ने 2022 में ताइवान का दौरा किया था। इस दौरान चीन को यह बेहद नागवर गुजरा था। हालांकि अमेरिका का इसपर कोई असर नहीं पड़ा था। वैश्विक राजनीति पर नजर रखने वालों का मानना है कि नैंसी का दौरे से चीन को बड़ा झटका लगा था और अमेरिका यही चाहता था।
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2027 तक ताइवान पर कब्जा करना चीन का लक्ष्य
काबिले जिक्र है कि कुछ दिन पर पहले एक अमेरिकी खूफिया रिपोर्ट लीक हुई थी, जिसमें ताइवान को लेकर चीन की योजना का खुलासा हुआ था। इस खूफिया रिपोर्ट की माने तो चीन अपनी सेना को 2027 के एक यु्द्ध के लिए मजबूत कर रहा है। पीएलए की ताकत शी जिनपिंग के विशेष आदेश पर बढ़ाई जा रही है। इसका उद्देश्य ताइवान पर कब्जा करना है।