कनाडाई लड़की ने रंगभेद खिलाफ उठाई आवाज (फोटो- सोशल मीडिया)
Canada News: कनाडा में नस्लीय भेदभाव का एक मामला सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। टोरंटो ट्रांजिट कमीशन (TTC) के एक भारतीय मूल के सुपरवाइजर के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा था। एक शख्स लगातार उसका वीडियो बनाते हुए नस्लीय टिप्पणियाँ कर रहा था। तभी वहां मौजूद एक श्वेत महिला बीच में आ गई और सख्त लहजे में कहा, “वह अपना काम कर रहा है, तुम उसका वीडियो मत बनाओ। तुरंत यहां से हट जाओ।”
दुर्व्यवहार करने वाला व्यक्ति यह कहकर बहस करता है कि यह एक स्वतंत्र देश है और वह किसी का भी वीडियो बना सकता है। इस पर महिला पलटकर कहती है कि आजादी का मतलब दूसरों को परेशान करना नहीं है। बहस के दौरान वह यह भी बताती है कि उसका बॉयफ्रेंड भारतीय है और किसी भी तरह की नस्लीय टिप्पणी वह बर्दाश्त नहीं करेगी।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर दस लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। बड़ी संख्या में लोग महिला की बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा कि ऐसे ही साहसिक कदम नस्लवाद को चुनौती दे सकते हैं। वहीं भारतीय मूल के कई लोगों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कनाडा में पढ़ाई और नौकरी के दौरान उन्हें अक्सर नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
A brazen white racist picks on an Indian man—only to get shut down spectacularly by a fearless white woman who steps in like a boss.
With icy calm and zero tolerance, she blocks the harasser, telling him to back off, dropping the unforgettable line: “My boyfriend is Indian.” pic.twitter.com/xFOwuvxmeB
— Bahar k Kalesh (@baharkkalesh) September 3, 2025
वीडियो में TTC सुपरवाइजर बार-बार महिला को शांत करने की कोशिश करता दिखता है, लेकिन महिला लगातार उसका बचाव करती रहती है। सोशल मीडिया पर इसे कनाडा की समाजिक असलियत बताने वाली घटना कहा जा रहा है।
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इस घटना ने उस बहस को और तेज कर दिया है, जो इस साल खालिस्तानी समूहों के भारत विरोधी प्रदर्शनों के बाद उठी थी। इन प्रदर्शनों में खुले तौर पर भारतीय समुदाय और राजनयिकों को निशाना बनाया गया था। अब TTC का यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या कनाडा भारतीयों के लिए सुरक्षित और निष्पक्ष जगह है। कनाडा में यह कोई पहला मामला नहीं है, यहां आए दिन भारत विरोधी प्रदर्शन होते रहते हैं। जिसके पीछे कट्टर खालिस्तानी समूहों का हाथ होता है।