
बांग्लादेश में हैवानियत की हदें पार करने वाले गिरफ्तार (फोटो- सोशल मीडिया)
Bangladesh Mob Lynching Case Police Action: बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। यहां ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को उग्र भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। दरिंदगी यहीं नहीं रुकी, मौत के बाद युवक के शव को सड़क पर घसीटा गया, नग्न किया गया और फिर आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि, इस बर्बर कृत्य के बाद बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस सरकार हरकत में आई है और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मृतक की पहचान 27 वर्षीय दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो पायनियर निटवेयर्स लिमिटेड में काम करता था। यह दिल दहला देने वाली घटना 18 दिसंबर की रात भालुका इलाके में हुई, जब फैक्ट्री में काम के दौरान एक सहकर्मी से हुई कथित बहस ने भयानक रूप ले लिया। देखते ही देखते फैक्ट्री के बाहर 1500 से 2000 लोगों की हिंसक भीड़ जमा हो गई। हालात इतने बेकाबू थे कि मौके पर पहुंची पुलिस और सेना के जवान भी इस उग्र भीड़ के आगे बेबस नजर आए और उन्हें अपनी जान बचाने के लिए पीछे हटना पड़ा।
भीड़ ने फैक्ट्री का गेट तोड़कर दीपू को बाहर खींचा और उसे तब तक पीटा जब तक उसकी जान नहीं निकल गई। लेकिन वहशी भीड़ का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने शव को निर्वस्त्र कर ढाका-मयमनसिंह हाईवे तक घसीटा और डिवाइडर पर एक खंभे से टांग दिया। करीब दो घंटे तक वहां जश्न मनाने जैसा माहौल रहा और अंत में दरिंदों ने शव पर केरोसिन डालकर आग लगा दी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में युवक जिंदगी की भीख मांगता दिखा, लेकिन भीड़ ने कानून को अपने हाथ में लेते हुए मानवता की हत्या कर दी। बाद में प्रशासन ने कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझाई और शव को कब्जे में लिया।
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इस जघन्य अपराध पर बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन (RAB-14) ने सख्ती दिखाई है। सरकार के चीफ एडवाइजर के बयान के अनुसार, अब तक सात मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपियों में मोहम्मद लिमोन सरकार, तारेक हुसैन, मानिक मिया और इरशाद अली जैसे नाम शामिल हैं। भालुका उपजिले के कार्यकारी अधिकारी एमडी फिरोज हुसैन ने पुष्टि की है कि मामले की जांच जारी है और अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है। यह घटना वहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है कि कैसे महज अफवाहों ने एक हंसते-खेलते परिवार को तबाह कर दिया।






