
त्रिपुरा में बांग्लादेश सीमा पर आर्मी के अधिकारी। इमेज-सोशल मीडिया
Bangladesh Crisis Indian Army Alert: शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता का माहौल है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने चेतावनी दी है कि बांग्लादेश की जेलों से खूंखार आतंकी और अपराधी बाहर आ गए हैं। ऐसे संवेदनशील समय में भारतीय सेना के ईस्टर्न कमांड (ईसी) के प्रमुख का सीमा पर पहुंचना बहुत अहम है।
सेना के अधिकारियों ने मिजोरम के परवा और दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया जैसे इलाकों का दौरा किया। वहां असम राइफल्स और बीएसएफ के जवान सरहद की रक्षा कर रहे हैं। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह बांग्लादेश के हालात पर पैनी नजर रखी है। ड्रोन से आधुनिक मिसाइल सिस्टम तक हर तरह की सुरक्षा तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा।
पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाएं बांग्लादेश से बहुत लंबी और जटिल हैं। आंकड़ों में त्रिपुरा-856 किलोमीटर। यह राज्य 3 तरफ से बांग्लादेश से घिरा है। मेघालय-443 किलोमीटर, मिजोरम-318 किलोमीटर, असम-263 किलोमीटर। ऐसे में उत्तर-पूर्व के इन 4 राज्यों की कुल 1,880 किलोमीटर लंबी सीमा बांग्लादेश से लगती है। इतनी लंबी सीमा पर घुसपैठ, तस्करी, अपराधों को रोकना बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे बीएसएफ और सेना बखूबी निभा रही।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बताया है कि बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति बहुत अस्थिर है। बांग्लादेश की जेलों से कई खतरनाक आतंकी रिहा हो गए हैं। अशांति के इस माहौल में ये भारत में घुसने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार लगातार केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट को वहां के हालातों की जानकारी भेज रही।
भारत ने सीमाओं को अभेद्य बनाने के लिए पुरानी तकनीकों के साथ सबसे आधुनिक हथियारों का सहारा लिया है। सरहद के उन इलाकों में, जहां जवानों का पहुंचना मुश्किल है, वहां ड्रोन से नजर रखी जा रही। मुख्यमंत्री ने खासकर S-400 मोबाइल लॉन्ग-रेंज मिसाइल सिस्टम का जिक्र किया है, जो किसी भी हवाई खतरे को पलक झपकते नष्ट कर सकता है। सेना के कमांडर ने परवा (मिजोरम) में दोनों बलों के जवानों की अटूट निष्ठा और तैयारी की तारीफ की है।
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मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा है कि भारत की सेना और सरकार हर स्थिति से निपटने को तैयार है। सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत कर दी गई है। सेना के कमांडर के इस दौरे का मकसद था कि सीमा पार से कोई अप्रिय घटना होती है तो उसका जवाब देने में एक सेकंड की भी देरी न हो। भारत की इस मुस्तैदी का संदेश साफ है। बांग्लादेश के आंतरिक हालात चाहे जोभी हों, भारत अपनी सीमाओं और अपने लोगों की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगा।






