
बाउल गायक की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश में बवाल, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Bangladesh Religious Extremism: बांग्लादेश में लोकप्रिय बाउल गायक अबुल सरकार की गिरफ्तारी ने न सिर्फ कला जगत बल्कि पूरे देश में चिंता की लहर पैदा कर दी है। पुलिस ने उन्हें धार्मिक भावनाएं आहत करने और कथित तौर पर हिंसा भड़काने के आरोपों में पश्चिमी मदारीपुर के एक संगीत कार्यक्रम से गिरफ्तार किया था। उसी दिन अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद देश के कई हिस्सों में तनाव बढ़ गया। ढाका के बाहरी क्षेत्र में तौहीदी जनता नामक समूह ने बाउल समुदाय से जुड़े कलाकारों पर हमला किया, जिसमें कम से कम चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इन घटनाओं ने कलाकारों और सांस्कृतिक समूहों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
सोमवार को 250 से अधिक शिक्षाविदों, अर्थशास्त्रियों, लेखकों और कलाकारों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि जुलाई 2024 में शेख हसीना सरकार के हटने के बाद देश में कट्टरपंथी हिंसा और धार्मिक उग्रवाद में तेज बढ़ोतरी देखी गई है। बयान में कहा गया कि कुछ समूह खुद को धर्म का ठेकेदार बताकर पूरे समाज में डर और दमन का माहौल पैदा कर रहे हैं।
जारी बयान में आरोप लगाया गया कि पिछले कुछ महीनों में 200 से अधिक मजारों को तोड़ा गया, कई कलाकारों, बाउल गायकों और फकीरों को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। महिलाओं को कपड़ों व आवाजाही पर रोकने की घटनाएं बढ़ी हैं, जबकि संगीत कार्यक्रमों, नृत्य, नाटक और सांस्कृतिक आयोजनों पर भी हमले दर्ज किए गए हैं।
मानवाधिकार संगठन ASK और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल बांग्लादेश ने हालिया घटनाओं को धार्मिक सद्भाव पर हमला बताया और सरकार से तत्काल व सख्त कदम उठाने की मांग की है। आलोचकों का कहना है कि कानून-व्यवस्था एजेंसियाँ अक्सर निष्क्रिय रहती हैं और कई मामलों में उनकी चुप्पी हिंसा को बढ़ावा देती है।
कवि और कार्यकर्ता फरहाद मजहर ने ढाका में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि देश “धार्मिक फासीवाद” की ओर बढ़ रहा है।
वहीं अंतरिम सरकार के सांस्कृतिक मामलों के सलाहकार मोस्तफा सरवर फारूकी ने माना कि स्थिति बेहद संवेदनशील है और सरकार इसे पूरी जिम्मेदारी के साथ संभालने की कोशिश कर रही है।
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हालांकि बुद्धिजीवियों का कहना है कि सिर्फ संवेदना और निंदा काफी नहीं है। कलाकारों की सुरक्षा, हमलावरों की गिरफ्तारी और सांस्कृतिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सरकार को निर्णायक कदम उठाने होंगे।






