अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
नई दिल्ली: मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका प्रत्यक्ष तौर पर एंट्री लेने की तैयारी में है। इस वजह से अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में बमवर्षक विमान, लड़ाकू फाइटर प्लेन और नौसेना के विमानों को भेजने का आदेश दिया है। इसकी जानकारी पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने दी।
मेजर जनरल पैट राइडर ने बताया कि अमेरिका ने कई B-52 बमवर्षक विमान, लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन, नौसेना के विध्वंसक विमान और टैंकर विमानों को तैनात करने का आदेश दिया है। जल्द ही यह विमान पश्चिम एशिया पहुंच जाएंगे। साथ ही यूएसएस अब्राहम लिंकन युद्धपोत जल्द ही अमेरिका लौट जाएगा।
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इजरायल की रक्षा को प्रतिबद्ध है अमेरिका
अमेरिका ने साफ लफ्जों में कहा कि वह किसी भी हाल में इजरायल की रक्षा करेगा।
इजरायल पर ईरानी हमले को निष्क्रिय करने में अमेरिकी सेना ने काफी मदद की थी। इजरायल के हमले के बाद ईरान को अमेरिका ने स्पष्ट चेतावनी दी है। अमेरिका ने कहा कि ईरान को इजरायल पर हमला करने की गलती नहीं करनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो घातक परिणाम होंगे।
ईरान के अंतरिक्ष कार्यक्रम का हिस्सा
जानकारी के मुताबिक, ईरान हमले के इजरायल के जवाबी कार्रवाई में एक सैन्य बेस को भारी नुकसान पहुंचा है। इस बेस में बैलेस्टिक मिसाइलों का उत्पादन होता है। जानकारी के मुताबिक यह बेस ईरान के अंतरिक्ष कार्यक्रम का भी हिस्सा है।
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एक अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर 180 से ज्यादा बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया था। इस हमले के ठीक 25 दिन बाद इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर लड़ाकू विमानों से हमला किया। अब ईरान ने एक बार फिर से इजरायल पर पलटवार करने की बात कही। जिसके बाद मोर्चे पर सीधे अमेरिका आ गया। अमेरिका मध्य पूर्व में ज्यादा से ज्यादा सैन्य विमानों की तैनाती करने में जुटा है।