ट्रंप ने खारिज किया फिलिस्तीन को मान्यता का प्रस्ताव (फोटो- सोशल मीडिया)
Trump on UNGA Meeting: डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने भाषण देते हुए अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं। साथ ही उन्होंने दावा किया कि पद संभालने के बाद उन्होंने केवल सात महीनों में अंतहीन युद्धों को रोक दिया। इसके साथ ही उन्होंने फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता देने वाले प्रस्ताव को खारिज करने का ऐलान किया।
ट्रंप ने फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा करना हमास के लिए एक बड़े तोहफे की तरह होगा। जो लोग शांति चाहते हैं, उन्हें पहले उन 20 इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए एक होना चाहिए जिन्हें हमास ने कैद करके रखा है। उन्होंने कहा कि गाजा युद्ध समाप्त होना चाहिए, पर उससे पहले सभी बंधकों की रिहाई जरूरी है। ट्रंप के इस बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या अमेरिका के इनकार के बाद फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता मिल सकती है।
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संयुक्त राष्ट्र के नियम के अनुसार यदि कोई स्थायी सदस्य देश वीटो लगाता है, तो उस देश को संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता नहीं मिल सकती, भले ही महासभा में कितने ही देश उसके पक्ष में वोट करें। ऐसे में, भले ही महासभा में के पक्ष में आवश्यक संख्या में वोट हों, अमेरिका के वीटो के कारण फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र में आधिकारिक सदस्य के रूप में मान्यता नहीं मिल सकती।