अमेरिका मनाएगा भारतीय संविधान की 75वीं भव्य वर्षगांठ, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
न्यूयॉर्क: भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर न्यूयॉर्क स्टेट सीनेट ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए पहली बार इस महत्वपूर्ण अवसर को मान्यता देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव भारतीय मूल के न्यूयॉर्क स्टेट सीनेटर जेरेमी कूनी द्वारा प्रस्तुत किया गया, जो फिलहाल सीनेट में भारतीय मूल के एकमात्र सदस्य हैं।
इस प्रस्ताव को बुधवार को आयोजित एक विशेष समारोह के दौरान स्वीकार किया गया, जिसमें न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्यदूत बिनय प्रधान और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कई प्रमुख प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
“मैं यह ऐतिहासिक प्रस्ताव भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में प्रस्तुत कर रहा हूं। यह न केवल भारत की स्वतंत्रता का उत्सव है, बल्कि उन वीर नागरिकों को श्रद्धांजलि भी है जिन्होंने अपने देशवासियों की भलाई के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।” यह प्रस्ताव अमेरिका के किसी विधायी निकाय द्वारा भारतीय संविधान के सम्मान में पहली बार पेश किया गया और पारित हुआ है।
इससे पहले भारत की स्वतंत्रता, गणतंत्र दिवस और विभिन्न सांस्कृतिक पर्वों के अवसर पर कई प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं, लेकिन भारतीय संविधान को केंद्र में रखकर यह पहला ऐसा प्रयास है।
जेरेमी कूपर ने कहा कि यह दिन केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाना चाहिए। दुनियाभर में भारतीय अपने-अपने समुदायों में स्थायी योगदान दे रहे हैं। यह अवसर हमारे साझा इतिहास, संस्कृति और विरासत का जश्न मनाने और उस पर विचार करने के लिए एक साथ आने का है। इससे पहले, भारतीय स्वतंत्रता, गणतंत्र दिवस, प्रमुख त्योहारों और अन्य मौकों पर कई प्रस्ताव आए थे, लेकिन यह पहली बार है जब भारतीय संविधान की याद में अमेरिका के किसी विधायी संस्था में प्रस्ताव पेश किया गया और स्वीकार किया गया।
इस प्रस्ताव के पारित होने के उपरांत न्यूयॉर्क में स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने एक पोस्ट साझा की, जिसमें लिखा गया कि भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ का जश्न! न्यूयॉर्क स्टेट सीनेट ने सीनेटर जेरेमी कूनी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकार किया है। यह प्रस्ताव भारत और अमेरिका के साझा लोकतांत्रिक सिद्धांतों स्वतंत्रता, न्याय और समानता का सम्मान करता है। इस अवसर पर बिनय प्रधान और कई भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्य उपस्थित रहे। यह आयोजन भारत और अमेरिका के बीच मजबूत लोकतांत्रिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों का प्रतीक है।