नासिक एशिया बंदरगाह से कनेक्ट (pic credit; social media)
Nashik Connected to Asia Largest Port: नासिक जिले को पालघर स्थित वाढवण बंदरगाह से जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी इगतपुरी-वाढवण एक्सप्रेसवे और फ्रेट कॉरिडोर परियोजना को राज्य सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस परियोजना को महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल लागू करेगा।
परियोजना के तहत नाशिक, मराठवाड़ा और विदर्भ के औद्योगिक और कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक सीधी पहुंच मिलेगी। परियोजना का कुल लंबाई लगभग 104.898 किलोमीटर होगी और यह बढवण बंदरगाह से भरवीर इंटरचेंज तक विकसित किया जाएगा।
वाढवण बंदरगाह को भारत का सबसे आधुनिक समुद्री टर्मिनल बनाने की योजना है। इसकी गहराई इतनी होगी कि बड़े मालवाहक जहाज इसे उपयोग कर सकेंगे। इससे मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट और कांडला पर दबाव कम होगा।
यह बंदरगाह आईएमईईसी (भारत-मध्य पूर्व-यूरोप) और आईएनएसटीसी (अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर) से भी जुड़ा रहेगा। इसके चलते महाराष्ट्र राज्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रमुख केंद्र बन जाएगा।
इस परियोजना के लिए 2528.90 करोड़ रुपये की प्रशासकीय मंजूरी दी गई है। इसमें 1500 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए रखे गए हैं, जबकि 1028.90 करोड़ रुपये संभावित ब्याज और अन्य खर्चों के लिए निर्धारित हैं। अन्न व नागरी आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने इस परियोजना को साकार करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 24 मार्च को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और 6 अप्रैल को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर परियोजना को तत्काल लागू करने की मांग की थी।
मंत्रियों और राज्य मंत्रिमंडल की सहमति के बाद यह परियोजना अब तेजी से जमीन पर उतरेगी। एक्सप्रेसवे और फ्रेट कॉरिडोर बनने से नाशिक जिले के कृषि उत्पाद जैसे अंगूर, प्याज़ और औद्योगिक उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में किफायती और तेज़ी से पहुंच पाएंगे। इससे किसानों और उद्योगपतियों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह परियोजना न केवल नाशिक बल्कि मराठवाड़ा और विदर्भ के आर्थिक विकास के लिए गेमचेंजर साबित होगी। इससे राज्य की लॉजिस्टिक्स और व्यापार क्षमता बढ़ेगी और अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक अवसरों में वृद्धि होगी।