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नई दिल्ली: जहां एक तरफ यूक्रेन विवाद का समाधान खोजने के लिए नए सिरे से किए जा रहे प्रयासों के बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने बीते गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। वहीं डोभाल ने इस बीच पुतिन को यूक्रेन संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के नए प्रयासों के बीच कीव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ हुई वार्ता के बारे में भी जानकारी दी।
इस बातचीत के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अगले महीने कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखा है। गौरतलब है कि पुतिन-डोभाल की बैठक मोदी द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव की यात्रा और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता के लगभग तीन सप्ताह बाद हुई है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22-24 अक्टूबर को रूस के शहर कजान में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी इस शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं।
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रूसी मीडिया द्वारा जारी एक वीडियो में डोभाल आमने-सामने की बातचीत में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कहते हैं कि, ‘‘जैसा कि प्रधानमंत्री ने आपसे टेलीफोन पर बातचीत के दौरान कहा था कि वह यूक्रेन की अपनी यात्रा और राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ अपनी बैठक के बारे में आपको जानकारी देने के लिए उत्सुक हैं। वह (प्रधानमंत्री मोदी) चाहते थे कि मैं व्यक्तिगत रूप से आकर आपको इस बातचीत के बारे में जानकारी दूं।”
⚡️BREAKING: 🇮🇳NSA Doval, per Modi’s request, briefed 🇷🇺Putin on Indian PM’s meet with Zelensky
Doval witnessed their conversation firsthand, the meeting was conducted in a closed format
Modi asked Doval to come in person and brief Russian president on the talks pic.twitter.com/hkTUY30zkz
— Sputnik India (@Sputnik_India) September 12, 2024
इसके साथ ही रूसी मीडिया ने डोभाल के साथ बैठक में पुतिन के बयानों के हवाले से कहा, ‘‘हम अपने अच्छे दोस्त मोदी का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें शुभकामनाएं।” रूस में भारतीय दूतावास ने डोभाल और शोइगु के बीच बातचीत पर कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा की और आपसी हितों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।”
बताते चलें कि बीते बुधवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु के साथ व्यापक बातचीत की थी और ‘परस्पर हितों’ के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। समझा जाता है कि 23 अगस्त को कीव में मोदी की यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ हुई बातचीत का मुद्दा भी दोनों NSA के बीच बातचीत में आया।
गौरतलब है कि जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत में PM मोदी ने कहा था कि यूक्रेन और रूस दोनों को युद्ध को समाप्त करने के लिए बिना समय बर्बाद किए एक साथ बैठना चाहिए और भारत इस क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए ‘सक्रिय भूमिका’ निभाने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत संघर्ष की शुरुआत से ही शांति के पक्ष में रहा है और वह संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यक्तिगत रूप से भी योगदान देना चाहेंगे। उनकी यूक्रेन की लगभग नौ घंटे की यात्रा, 1991 में उस देश की स्वतंत्रता के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। यह मॉस्को में पुतिन के साथ उनकी शिखर वार्ता के छह सप्ताह बाद हुई थी ।
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देखा जाए तो पिछले कुछ दिन में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को आगे बढ़ाने में भारत की संभावित भूमिका को लेकर मांग उठी है क्योंकि भारत के दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध हैं। बीते शनिवार को ही इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत के बाद कहा कि भारत और चीन इस लंबे होते संघर्ष का समाधान खोजने में भूमिका निभा सकते हैं।
वहीं बीते गुरुवार को रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच में एक परिचर्चा में पुतिन ने भारत, ब्राजील और चीन का नाम उन संभावित मध्यस्थों के रूप में लिया, जो संघर्ष को हल करने में भूमिका निभा सकते हैं। मामले पर भारत हमेशा यह कहता रहा है कि यूक्रेन में संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही हल किया जाना चाहिए।
(एजेंसी इनपुट के साथ)