
गृह मंत्री हक्कानी ने पाकिस्तान को दी चेतावनी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
 
    
 
    
Sirajuddin Haqqani Statement: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच रिश्ते दिनों-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। ऐसे माहौल में अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने गुरुवार को काबुल में एक जोशीला भाषण देकर पाकिस्तान को साफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान किसी भी विदेशी आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपने इलाके की रक्षा करना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।
हक्कानी का यह बयान उस वक्त आया जब कुछ ही दिन पहले इस्तांबुल में दोनों देशों के बीच हुई शांति वार्ता का नवीनतम दौर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका। हक्कानी ने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों में भले ही आंतरिक मतभेद हों लेकिन जब कोई विदेशी हमला करता है तो पूरा देश एकजुट हो जाता है। अपने देश की रक्षा हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।
यह बयान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने अफगान तालिबान को कड़ी चेतावनी दी थी। आसिफ ने कहा था कि पाकिस्तान को तालिबान को खत्म करने के लिए अपने हथियारों के एक छोटे हिस्से का भी उपयोग करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे अपनी बर्बादी खुद तय कर रहे हैं। हक्कानी ने कहा कि अफगानिस्तान बातचीत का विरोधी नहीं है और वार्ता के दरवाजे हमेशा खुले हैं। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी हमला करेगा उसे पता होना चाहिए कि हमने पहले भी दुनिया के बादशाहों का सामना किया है। हमारे पास लंबी दूरी की मिसाइलें नहीं लेकिन मजबूत इरादा है।
उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह तहरीक-ए-तालिबान (TTP) के मुद्दे को अफगानिस्तान पर थोपने की कोशिश कर रहा है। जबकि यह पाकिस्तान की अंदरूनी समस्या है। हमने बार-बार कहा है कि इस मुद्दे को वे अपने देश में ही हल करें। अगर वे इस समस्या को अफगानिस्तान में लाते हैं तो वे खुद अशांति फैलाएंगे और इसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी।
अफगान मीडिया आउटलेट एरियाना न्यूज के मुताबिक, इस्तांबुल में हुई बातचीत इसलिए टूटी क्योंकि पाकिस्तान ने कुछ गैर-वाजिब मांगें रखीं जिन्हें काबुल ने खारिज कर दिया। इन मांगों में कथित तौर पर पाकिस्तान-विरोधी लड़ाकों पर कार्रवाई करना और उन्हें नियंत्रण में रखना शामिल था।
यह भी पढ़ें:- रूस का यूक्रेन पर भीषण हमला, एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह, बिजली गुल; 7 साल की बच्ची समेत 3 की मौत
रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान ने साफ कहा कि यदि पाकिस्तान उसकी जमीन पर कोई हवाई हमला करता है तो अफगान सेना जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है। वहीं, एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि बातचीत टूटने की एक प्रमुख वजह पाकिस्तान का यह स्वीकार करना था कि उसने अमेरिका को अपने इलाके से ड्रोन ऑपरेशन करने की अनुमति दी है। इस खुलासे ने अफगान पक्ष को भड़का दिया और दोनों देशों के बीच अविश्वास और गहराता गया।






