
निशा चटर्जी, (फाइल फोटो, सोर्स- सोशल मीडिया)
Nisha Chatterjee Allegation On Humayun Kabir: पश्चिम बंगाल में आगामी 2026 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू हुई जनता उन्नयन पार्टी (JUP) में बड़ा विवाद सामने आया है। पार्टी की लॉन्चिंग के महज 24 घंटे के भीतर हुमायूं कबीर ने अपनी ही पार्टी की घोषित उम्मीदवार निशा चटर्जी का टिकट वापस ले लिया है। इसके बाद निशा चटर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें सिर्फ हिंदू होने की वजह से निशाना बनाया गया है।
हुमायूं कबीर उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने का ऐलान किया था। इस पूरे घटनाक्रम पर सियासत गरमाई तो टीएमसी ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
टीएमसी से बाहर निकाले जाने के बाद हुमायूं ने अपनी नई पार्टी जनता उन्नयन पार्टी की घोषणा कर दिया और बंगाल चुनाव में पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने का ऐलान किया। हुमायूं ने निशा चटर्जी को टिकट देने का ऐलान भी किया था। लेकिन बाद में अपने फैसले से पीछे हट गए और टिकट रद्द कर दिया। अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कारोबारी निशा चटर्जी ने जनता उन्नयन पार्टी और उसके प्रमुख हुमायूं कबीर पर तीखा हमला बोला है। निशा का कहना है कि पार्टी की ओर से उन्हें जानबूझकर उम्मीदवार सूची से हटाया गया और इसके पीछे असली वजह उनका हिंदू होना है।
हुमायूं कबीर ने सोमवार को अपनी नई पार्टी जनता उन्नयन पार्टी लॉन्च की थी और उसी दिन निशा चटर्जी को 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए कोलकाता की प्रतिष्ठित बालीगंज सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया था। लेकिन 24 घंटे के भीतर ही पार्टी नेतृत्व ने यह फैसला पलट दिया।
हुमायूं कबीर ने निशा चटर्जी की उम्मीदवारी रद्द करने के पीछे उनके कुछ सोशल मीडिया वीडियो का हवाला दिया। पार्टी का दावा है कि वायरल रील्स बंगाल विधानसभा जैसी ‘पवित्र संस्था’ के अनुरूप नहीं हैं। हालांकि, निशा चटर्जी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पार्टी नेतृत्व को चुनौती दी कि अगर कोई वीडियो अश्लील है तो उसे सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर पार्टी को उनके सोशल मीडिया कंटेंट से आपत्ति थी तो उम्मीदवार घोषित करने से पहले उनके बैकग्राउंड की जांच क्यों नहीं की गई।
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निशा चटर्जी ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ चरित्र हनन की साजिश रची जा रही है और सोशल मीडिया के बहाने उन्हें सामाजिक रूप से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी की सेक्युलर छवि सिर्फ दिखावा है और असल में उन्हें धार्मिक पहचान के आधार पर टारगेट किया गया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि वो पहले बाबरी मस्जिद को लेकर पार्टी के रुख का समर्थन कर चुकी हैं, इसके बावजूद उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया।






