उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (फोटो- सोशल मीडिया)
लखनऊ: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही एक खबर ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी। दावा किया जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी घर-घर जाकर सिंदूर बांटने की योजना बना रही है। इस पर अब उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम के बयान ने सारी तस्वीर साफ कर दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसी कोई योजना न तो बनाई गई है और न ही विचाराधीन है। इस खबर को पूरी तरह गलत बताते हुए उन्होंने विपक्ष पर ओछी राजनीति का आरोप लगाया है और फर्जी प्रचार फैलाने से बाज आने की नसीहत दी है।
सिंदूर को लेकर छिड़ी इस बहस में विपक्ष ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक प्रमुख विपक्षी नेता ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि वे सेना के अभियान का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिंदूर एक पवित्र प्रतीक है और उसे राजनीतिक हथियार बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके जवाब में सरकार समर्थकों ने इसे केवल चुनावी अफवाह बताया और कहा कि असली सम्मान जवानों के पराक्रम को दिया जाना चाहिए, न कि ऐसे झूठे प्रचारों को।
भाजपा और डबल इंजन सरकार की घर-घर सिंदूर बाँटने की कोई योजना ही नहीं है। फिर भी कांग्रेस और विपक्ष दुष्प्रचार कर रहा है।
विपक्ष ओछी हरकत से बाज आए।— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) May 30, 2025
भाजपा की योजना पर उठा सवाल
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि बीजेपी अपने अभियान के तहत महिलाओं के बीच सिंदूर वितरित करेगी। इस पर राजनीतिक हलचल शुरू हो गई। लेकिन डिप्टी सीएम ने सामने आकर स्पष्ट किया कि पार्टी की ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जानबूझकर इस तरह की अफवाहें फैला रहा है ताकि मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके। यह भी बताया गया कि ऐसी खबरों का कोई प्रमाणिक स्रोत नहीं है।
विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
सिंदूर से जुड़ी इन चर्चाओं ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया। एक प्रमुख विपक्षी नेता ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियानों को राजनीतिक रंग देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब चुनावी लाभ के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। उनका कहना था कि इस तरह की गतिविधियां सैनिकों के बलिदान को कमतर करने वाली हैं और जनता ऐसे प्रचारों को अब समझने लगी है।