स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स महाकुंभ में
प्रयागराज: स्टीव जॉब्स के बारे में कौन नही जानता? हिंदू धर्म में गहरी आस्था रखने वाले ऐपल कंपनी के सह-संस्थापक स्टीव आज भले ही दुनिया में न हो लेकिन उनकी पत्नी लॉरेन पॉवल जॉब्स आज भी उनके दिखाए अध्यात्म के रास्ते पर समाहित नजर आ रहीं हैं। आज दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में शुमार लॉरेन भी प्रयागराज के महाकुंभ में पहुंची हैं। वह यहां कल्पवास करेंगी। लेकिन इस दौरान उनका नाम और गोत्र बदला हुआ रहेगा।
जानकारी दें कि, निरंजनी अखाड़े के स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज ने उनका नाम ‘कमला’ रखा है। इसके साथ ही उनको गिरि जी महाराज ने अपना गोत्र भी दिया है और उनका नाम ‘कमला’ रखा है। वहीं कमला बनी लॉरेंस वाराणसी पहुंची । यहां से वे अपनी 60 सदस्यीय टीम के साथ वह आज प्रयागराज पहुंची। वे यहां के दो प्रमुख अमृत (शाही) स्नान में शामिल होंगी, जिसमें मकर संक्रांति का स्नान और मौनी अमावस्या का स्नान शामिल है।
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#WATCH | Varanasi, UP | Kailashanand Giri Ji Maharaj of Niranjani Akhara, along with Laurene Powell Jobs, wife of the late Apple co-founder Steve Jobs, visit Kashi Vishwanath Temple in Varanasi. pic.twitter.com/TMv1W3t4iw
— ANI (@ANI) January 11, 2025
इस बाबत स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि, वह दूसरी बार भारत से आ रही है। वह यहां पर 3-4 दिनों तक रहेगी। यहां वह अपने निजी काम से यहां आ रही है। इस दौरान वह यहां आध्यात्मिक चिंतन में रत रहेंगी और मानसिक सवालों का जवाब तलाशेंगी। यह परंपरा तो अनादि काल से निरंतर हैं। वह हमारी अनुयायी हैं।
#WATCH | Prayagraj | Speaking on Apple’s co-founder late Steve Jobs’ wife, Laurene Powell Jobs to attend Prayagraj Mahakumbh 2025, Spiritual guru Swami Kailashanand Ji Maharaj says, “She is coming to visit her Guru here. We have named her Kamla and she is like a daughter to us.… pic.twitter.com/fwlY3phfhz
— ANI (@ANI) January 10, 2025
खबरों कि मानें तो, 61 वर्षीय अरबपति कारोबारी प्रयागराज के महाकुंभ में आनी वाली दिवंगत पति स्टीव की तरह ही लॉरेन भी हिंदू और बौद्ध धर्म से खास जुड़ाव रखती हैं। जुलाई 2020 तक लॉरेन पॉवेल और उनका परिवार फोर्ब्स की दुनिया के अरबपतियों की सालाना सूची में 59वें स्थान पर काबिज था। वे टाइम्स मैगज़ीन की दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में भी शामिल रहीं हैं।
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महाकुंभ मेले की बात करें तो, यहां स्नान के लिए 12 किलोमीटर के क्षेत्र में घाटों का निर्माण किया गया है। प्रयागराज के सभी घाटों पर रोशनी की व्यवस्था की गई और सीढ़ियां तैयार की जा रहीं हैं तथा वस्त्र बदलने के लिए कक्ष बनाए गए हैं। महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना के किनारे सात पक्के घाट बनाए गए हैं। इनमें दारागंज में गंगा नदी के किनारे बने 110 मीटर लंबे और 95 मीटर चौड़े दशाश्वमेध घाट पर ‘सीटिंग प्लाजा’ (बैठने की व्यवस्था), ‘चेंजिंग केबिन’ (वस्त्र बदलने के लिए कक्ष), पार्किंग, यज्ञशाला, आरती स्थल और ध्यान केंद्र जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।