
कुलदीप सेंगर (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी पूर्व भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर की अंतरिम जमानत की समयावधि बढ़ा दी है। सेंगर को जेल से स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते इलाज के लिए 10 दिन की अंतरिम जमानत मिली थी। वहीं अब दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर की जमानत एक माह के लिए बढ़ा दी है। उसने चिकित्सा आधार पर अपनी जमानत को पांच महीने बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
अदालत ने पहले उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) द्वारा स्वास्थ्य मूल्यांकन के लिए 5 दिसंबर, 2024 को अंतरिम जमानत दी थी। एम्स की मेडिकल रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद अदालत ने कई शर्तें लगाते हुए उनकी अंतरिम जमानत को एक महीने के लिए बढ़ा दिया।
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जमानत की अवधि में सेंगर को अपने आवास पर ही रहना होगा, जिसका विवरण सीबीआई के साथ साझा किया गया है। इसके साथ ही वह केवल एम्स में चिकित्सा जांच के लिए ही बाहर जा सकते हैं। वह दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल की निरंतर निगरानी में भी रहेंगे, एक बार में अधिकतम दो आगंतुक ही उनसे मिल सकते हैं और एक सक्षम सीबीआई अधिकारी उनसे प्रतिदिन संपर्क करेगा।
इसके अतिरिक्त, न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने सेंगर को एक परिचारक रखने की भी अनुमति दी और उसे 20 जनवरी, 2025 को जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी, 2025 को निर्धारित की गई है। अपीलकर्ता की समग्र चिकित्सा स्थिति पर विचार करते हुए, यह न्यायालय इस राय पर है कि जिस अवधि के लिए निलंबन की मांग की जा रही है, वह अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।
हालांकि, अपीलकर्ता को उसकी आंख की सर्जरी, अंडकोष के दर्द और शौच के दौरान होने वाले रक्तस्राव की समस्या से उबरने में सक्षम बनाने के लिए, एक महीने की अवधि के लिए अंतरिम जमानत बढ़ाने का निर्देश दिया जाता है।






