उत्तरप्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री दानिश आजाद अंसारी (फोटो- सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार अब मदरसों को केवल धार्मिक शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि आधुनिक और रोजगार युक्त शिक्षा का संस्थान बनाने की दिशा में काम कर रही है। राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने साफ किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कुरान और कंप्यूटर’ विजन को साकार करते हुए योगी सरकार मदरसों में विज्ञान, कंप्यूटर और भाषा शिक्षा को अनिवार्य बना रही है। उनका मानना है कि मुस्लिम युवाओं को धार्मिक तालीम के साथ-साथ आधुनिक दुनिया की प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार किया जाना जरूरी है।
राज्य सरकार का यह प्रयास खासतौर पर पसमांदा मुस्लिम समुदाय के बच्चों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि दीनी तालीम से कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन हिंदी और अंग्रेजी जैसी भाषाओं के साथ कंप्यूटर और विज्ञान की शिक्षा देना समय की मांग है। इससे न सिर्फ बच्चे पढ़ाई में आगे बढ़ेंगे बल्कि रोजगार की नई राहें भी खुलेंगी।
#WATCH | Lucknow | On UP Madrasas getting a modern makeover, the state minister, Danish Azad Ansari, says, “Our Prime Minister, Narendra Modi, said that the youth of the Muslim community should have a Quran in one hand and a computer in the other hand. Quran means Dini Talim, and… pic.twitter.com/oBoMeGGe4C
— ANI (@ANI) May 23, 2025
आधुनिकता और परंपरा का संतुलन
मंत्री दानिश अंसारी का कहना है कि योगी सरकार की नीति न तो किसी धार्मिक परंपरा को खत्म करने की है, न ही किसी समुदाय की आस्था से छेड़छाड़ की जा रही है। बल्कि सरकार का प्रयास यह है कि धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक विषयों को भी शामिल किया जाए, जिससे मुस्लिम युवाओं को भी मुख्यधारा में जगह मिल सके। कुरान की तालीम के साथ कंप्यूटर साक्षरता, हिंदी और अंग्रेजी जैसी भाषाओं का ज्ञान बच्चों को आत्मनिर्भर बना सकता है।
पसमांदा समुदाय को मिलेगा सीधा लाभ
मदरसों में पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे समाज के सबसे पिछड़े वर्गों से आते हैं, जिन्हें रोजगार और समावेशी विकास की सबसे अधिक जरूरत है। अंसारी ने कहा कि ऐसे बच्चों को सिर्फ धार्मिक शिक्षा तक सीमित नहीं रखा जा सकता, बल्कि उन्हें नई तकनीक और वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए। यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को भी नई दिशा देगा।