
ब्राह्मण विधायकों की मीटिंग (Image- Social Media)
UP Politics: उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है और सभी दलों के विधायक राजधानी लखनऊ में मौजूद हैं। इसी बीच, सत्ता पर काबिज भाजपा के ब्राह्मण विधायकों की गोलबंदी ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। मंगलवार शाम बीजेपी और अन्य दलों के लगभग 52 ब्राह्मण विधायक और विधान परिषद सदस्य एक जगह एकत्रित हुए और बंद कमरे में सहभोज के रूप में बैठक की।
यह आयोजन कुशीनगर के विधायक पंचानंद पाठक (पीएन पाठक) के आवास पर हुआ। इसमें मुख्य रूप से पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विधायक शामिल हुए। मिर्जापुर नगर विधानसभा से विधायक रत्नाकर मिश्रा ने बताया कि यह केवल एक सहभोज था, कोई राजनीतिक बैठक नहीं थी।
उन्होंने कहा कि सभी विधायक बस भोजन के लिए एकत्रित हुए और इसके अलावा किसी राजनीतिक चर्चा का कोई विषय नहीं था। सहभोज में मिर्जापुर नगर से रत्नाकर मिश्रा के साथ शलभमणि त्रिपाठी और एमएलसी उमेश द्विवेदी भी मौजूद रहे। सभी विधायक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं।
यूपी विधानसभा के पिछले मॉनसून सत्र के दौरान भी ऐसे आयोजन हुए थे। उस समय ठाकुर विधायकों का जुटान आयोजित किया गया था, जिसे “कुटुंब” नाम दिया गया। उसमें बीजेपी के साथ ही अन्य दलों के ठाकुर विधायक भी शामिल हुए थे। उस आयोजन को पारिवारिक मिलन बताया गया था। इस शीतकालीन सत्र में हुए ब्राह्मण विधायकों का सहभोज उसी तरह का एक आयोजन माना जा रहा है, जो पिछली घटना का जवाब भी है।
सियासत में ऐसे आयोजनों से राजनीतिक चर्चा ज़रूर तेज होती है, लेकिन विधायकों का कहना है कि यह केवल सहभोज और पारिवारिक मिलन का आयोजन था, न कि किसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा।
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इससे पहले याेगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सोमवार को दोनों सदनों में अनुपूरक बजट पेश किया। इस अनुपूरक बजट में विकासशील क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार ने कैबिनेट से पास कराने के बाद वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में यह बजट प्रस्तुत किया, जिसका कुल आकार 24,496.98 करोड़ रुपये है। यह मूल बजट (आठ लाख, आठ हजार करोड़ रुपये) का लगभग 3.03% है।






