
UP के अलीगढ़ में भारी बवाल (फोटो- सोशल मीडिया)
Aligarh SDM Car Attack: यूपी के अलीगढ़ में बुधवार की शाम में एक नया बवाल खड़ा हो गया। मामला महुआखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव असदपुर कयाम में अतिक्रमण हटाने पहुंची नगर निगम की टीम के विरोध का है। मामले में लोग इतने भड़क गए कि उन्होंने जमकर हंगामा काटा। आगे का घटनाक्रम कुछ ऐसा हुआ की यहां से गुजर रही अतरौली एसडीएम की गाड़ी को भी भीड़ ने घेर लिया और उस पर पथराव कर दिया। हालात इतने बिगड़े कि अफसर को गाड़ी छोड़कर भागकर अपनी जान बचानी पड़ी।
इस हमले में एसडीएम तो बाल-बाल बच गए, लेकिन पत्थर लगने से उनका ड्राइवर और गनर घायल हो गए। उपद्रवियों ने गाड़ी के शीशे चकनाचूर हो गए। हंगामे की सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और हालात को संभाला। देर रात SSP नीरज कुमार जादौन ने भी घटनास्थल का जायजा लिया। पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए आठ नामजद और 25-30 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक, यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब नगर निगम की टीम ने गांव असदपुर कयाम में एक बाउंड्रीवॉल को तोड़ा। जैसे ही बाउंड्रीवॉल गिरी, वहां मौजूद भीड़ उग्र हो गई और घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। मुकदमे में यह भी जिक्र है कि उग्र लोगों ने न सिर्फ नगर निगम की टीम पर हमला किया और पथराव किया, बल्कि निगम के लोडर ट्रक के शीशे भी तोड़ दिए। घटना के बाद से गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस बल की भी तैनात कर दिया गया है। पुलिस अब वीडियो के आधार पर आरोपियों को चिह्नित करने में जुटी है।
SSP नीरज कुमार जादौन ने बताया कि नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने गई थी, जिसका लोगों ने विरोध किया। टीम लौट गई थी, लेकिन तभी वहां से एसडीएम अतरौली की गाड़ी गुजरी, जिस पर पत्थर फेंके गए। एसएसपी के अलावा पुलिस प्रशासन के तमाम अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। रात में ही पुलिस ने तीन लोगों को पकड़ लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। अन्य की तलाश में टीमें लगी हुई हैं। यह मुकदमा नगर निगम के संपत्ति लिपिक विजय गुप्ता की ओर से दर्ज कराया गया है।
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उन्होंने कहा कि गांव असदपुर कयाम में गाटा संख्या 328 राजस्व अभिलेखों में ‘ऊसर’ यानी सरकारी भूमि है। इस भूमि समेत अन्य गाटा भूमियों पर लंबे समय से अतिक्रमण था, जिसे हटाने के लिए विभिन्न जनप्रतिनिधियों व नागरिकों द्वारा शिकायतें की जा रही थीं। इसी क्रम में बुधवार शाम को तहसील कोल की राजस्व टीम, जिसमें लेखपाल नीरज व नायब तहसीलदार प्रवीन तोमर शामिल थे, नगर निगम टीम के साथ जांच कर रही थी और अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था।






