
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Special Intensive Revision: उत्तर प्रदेश में करीब 70 फीसदी वोटरों को SIR में डॉक्यूमेंट नहीं दिखाने होंगे। वोटर लिस्ट में इन 70 प्रतिशत वोटरों में से लगभग 48 प्रतिशत के नाम सीधे-सीधें शामिल हैं। बाकी मतदाताओं के नाम उनके माता-पिता इत्यादि के नाम से वेरिफाई कर लिए जाएंगे। फिलहाल राज्य में कुल 15.44 करोड़ मतदाता शामिल हैं। वर्ष 2003 में अंतिम बार एसआईआर यहां पर हुआ था।
एसआईआर के अलावा समय-समय पर चुनावों से पूर्व और विशेष अभियान के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने का काम बेहतर ढंग से किया गया है। अब इस बार होने जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण में भी इस पर खास ध्यान दिया जाएगा। जिसके कारण वोटरों को किसी भी तरह की कोई कठिनाई न हो।
यूपी में 30 प्रतिशत वोटरों से ही डॉक्यूमेंट लिए जाएंगे। तीन-तीन बार घर जाकर वह मतदाता का वेरिफिकेशन कर इस सूची में अपना जोड़ेंगे। प्रदेश में इस समय 1.62 लाख बीएलओ हैं। तीन नवंबर तक एसआईर से संबंधित तैयारियां पूरी की जाएंगी। वहीं, चार नवंबर से चार दिसंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर गणना प्रपत्र का वोटरों के बीच वितरण करेंगे और मतदाता से इसे भरवाकर प्राप्त करेंगे।
वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के काम में किसी भी तरह की चूक न हो इसके लिए चुनाव आयोग पूरी तरह सतर्क है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य निवार्चन आयोग अधिकारी नवदीप रिणवा ने सभी जिलों के जिलाधिकारी व जिला निवार्चन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने व हटाने का काम पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से किया जाए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में सीईओ ने सख्त निर्देश दिए कि हर कीमत पर शुद्ध वोटर लिस्ट तैयार की जाए। बुधवार को एसआईर को लेकर सीईओ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राज्य राजनीतिक दलों के साथ एक आवश्यक बैठक करेंगे। सीईओ ने कहा कि एक जनवरी 2026 को अहर्ता तिथि मानते हुए एसआईर की प्रक्रिया पूरी की जाए।
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उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि बीएलओ को गणना प्रपत्र, घोषणा पत्र व फॉर्म-छह उपलब्ध कराया जाए। मतदाता द्वारा भरे गए गणना प्रपत्र की एक प्रति बीएलओ के पास होगी और दूसरी प्रति पर वह हस्ताक्षर कर उसे मतदाता को वापस लौटाएगा। इस दौरान गणना प्रपत्र के अलावा अन्य कोई डॉक्यूमेंट नहीं लिए जाए।






