
ट्रैवल ट्रेंड (सौ. सोशल मीडिया)
Year Ender Travel Stories 2025: साल 2025 कुछ ही दिनों में खत्म होने वाला है। इस साल की महज कुछ यादें ही हमारे जीवन में रह जाएंगी। यह साल कई मायनों में अलग रहा जहां कुछ अलग ट्रैवल ट्रेंड देखने को मिले। घूमने को लेकर लोगों का नजरिया बदला और शौक के लिए नहीं बल्कि मानसिक सुकून के लिए लोगों ने ट्रैवल को चुना। जहां लग्जरी स्टे से लेकर बजट ट्रैवल तक लोगों ने कई जगहों को एक्सप्लोर किया।
हर साल से थोड़ा सा अलग इस साल यानी 2025 में लोगों ने पर्यटन स्थल को ही अपना डेस्टिनेशन बनाया। आइए, जानते हैं इस साल के ट्रैवल ट्रेंड्स जिन्होंने सबसे ज्यादा हैशटैग बनाए।
साल 2025 की शुरुआत से ही महाकुंभ का आगाज देशभर में संगम स्नान के लिए पहुंचा। सोशल मीडिया पर यह काफी ट्रेंड में रहा। इसके अलावा इस साल आध्यात्मिक यात्राओं के लिए लोग अयोध्या, बनारस, काशी, हरिद्वार, प्रयागराज जैसी जगहों पर पर भी खूब गए। मन की शांति और सुकून हर उम्र के लोगों ने इन जगहों को चुना। मेडिकेशन कैंप, योग हॉलिडे भी चलन में आया।
इस साल महिलाओं को यात्रा करते और अधिक साहस के साथ दुनिया को देखने का प्लान किया। ऋषिकेश के घाटों से लेकर ग्रीस तक महिला में सोलो ट्रैवल का क्रेज देखा गया।
इस साल ज्यादातर लोग लंबी छुट्टियों को इंतजार किए बिना वीकेंड ट्रिप की ओर बढ़े। इस बार ऑफिस या कॉलेज से समय निकालकर लोगों ने ढाई दिन की ट्रिप का मजा लिया। इस तरह दोस्तों के साथ मन को स्वस्थ रखने की कोशिश की।
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इस साल एडवेंचर ट्रैवल का क्रेच भी खूब देखने को मिला। लोगों ने स्काइडाइविंग, केविंग, हाई ट्रैकिंग जैसे जोखिम वाले रोमांच की तलाश खूब की। इसके अलावा इस साल नया ट्रेंड भी देखने को मिला। जहां लोग ईको फ्रेंडली यात्राओं को बढ़ावा देते हुए नजर आए। प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना उन्होंने यात्रा की। कचरा मुक्त ट्रेकिंग, ईको फ्रेंडली होटल और लोकल बिजनेस सपोर्ट 2025 के स्टार रहे।

इस साल लोगों ने ट्रैवल के लिए अपने काम को साइड में नहीं रखा बल्कि काम से ट्रैवल को हिस्सा बनाया। अपने लैपटॉप के साथ दुनिया के कई कोनों को एक्सप्लोर किया। इस साल 2025 में वर्क फ्रॉम होम के अलावा वर्क फ्रॉम एनीवेयर भी चलन में रहा। इस ट्रेंड में लैपटॉप और पहाड़ दोनों साथ में नजर आए। इसके लिए लोगों ने मनाली, गोवा, कूर्ग जैसी डेस्टिनेशन को चुना।
इस साल यात्रा के लिए लोगों सोलो ट्रैवल को चुना जहां सिर्फ उनकी मौजूदगी ने दुनिया को देखने का नजरिया बदला। लोग घूमने नहीं निकले बल्कि जीने निकले। इस अनुभव को प्राप्त करने के लिए लोगों ने ट्रेन यात्रा, होमस्टे, ग्रामीण पर्यटन को ज्यादा चुना।






