सूरजकुंड मेला 2025 (सौ. सोशल मीडिया)
Surajkund Fair 2025: भारत के सबसे बड़े हस्तशिल्प मेलों में से एक सूरजकुंड मेले का आयोजन जल्द ही होने जा रहा है। यह हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित सूरजकुंड में आयोजित किया जा रहा है। जिसका इतिहास लगभग 35 वर्षों से भी अधिक पुराना है। इसकी शुरुआत हरियाणा पर्यटन विभाग ने भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक धरोहर को प्रोत्साहित करने के लिए की थी। इस मेले का मुख्य उद्देश्य देशभर के शिल्पकारों, कलाकारों और हथकरघा बुनकरों को एक मंच देता है। जहां पर वह अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। यहां पर व्यापारी अपने उत्पादों को ग्राहकों तक पहुंचा सकें।
साल 2025 में लगने वाले सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का आयोजन 7 फरवरी से लेकर 23 फरवरी तक हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सूरजकुंड में होने जा रहा है। अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो फरीदाबाद के लिए मेट्रो के जरिए जा सकते हैं। यहां पर पहुंचने के लिए निकटतम मेट्रो स्टेशन बदरपुर है। यहां से आप ओटो या कैब के माध्यम से पहुंच सकते हैं। दिल्ली से सूरजकुंड की दूरी करीब 23 किमी है जिसे निजी वाहन या बस से भी पूरा किया जा सकता है। दिल्ली, गुड़गांव और फरीदाबाद से हरियाणा रोडवेज और डीटीसी बस सेवा आपको मेले तक पहुंचा सकती है।
अगर आप सूरज कुंड में एंट्री लेना चाहते हैं तो इसके लिए 120 रुपए का टिकट लेना होगा। वहीं शनिवार और रविवार को 180 रुपए प्रति व्यक्ति किराया है। दिल्ली मेट्रो के सारथी ऐप के माध्यम से इसका टिकट बुक कर सकते हैं। मेट्रो स्टेशन के विशेष काउंटरों पर मेले के लिए टिकट बुक करने की सुविधा भी मिलेगी।
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मेला सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहेगा। अगर आप भीड़ भाड़ के दिनों में नहीं जाना चाहते हैं, तो वीकेंड पर जाने से बचने का प्रयास करें। खरीदारी के लिए यहां पर नकद राशि साथ रखें।
सूरजकुंड का अर्थ सूरज का तालाब है। यह 10वीं शताब्दी का एक प्राचीन जलाशय है जिसे तोमर राजा सूरज पाल के शासनकाल में बनवाया गया था। राजा सूरजपाल सूर्य के उपासक थे और उन्होंने सूरजकुंड का निर्माण जल संरक्षण के लिए कराया था। इसी की वजह से यहां पर लगने वाले मेले का नाम सूरजकुंड रखा गया।