देश के लिए ये खास चीज बनी नई रोशनी। (सौ. X)
भारत अब रक्षा क्षेत्र में एक और क्रांतिकारी कदम बढ़ा रहा है। देश 900 किलोमीटर से अधिक रेंज वाले स्वदेशी सुसाइड ड्रोन (Loitering Munition) विकसित करने की दिशा में तेज़ी से काम कर रहा है। यह ड्रोन न सिर्फ दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला कर सकेगा, बल्कि लक्ष्य भेदने के बाद स्वयं को नष्ट कर देगा, जिससे इसे “कमिकाज़े ड्रोन” भी कहा जाता है।
सुसाइड ड्रोन एक प्रकार का मानवरहित हवाई वाहन (UAV) होता है, जिसमें विस्फोटक लोड किया जाता है। यह ड्रोन टारगेट पर निगरानी रखते हुए हवा में मंडराता है और उचित समय पर हमला करता है। भारत द्वारा विकसित हो रहा यह Loitering Munition 900 किमी से अधिक की रेंज में हमला कर पाने में सक्षम होगा, जो भारत को सैन्य दृष्टिकोण से एशिया में एक और बड़ी शक्ति के रूप में स्थापित कर सकता है।
#UPDATE | SOLAR INDUSTRIES LEADS THE WAY 🚀
Nagpur based Solar Industries India Limited
(@solar_ind_group) is currently in the lead for the Joint Collaboration with CSIR-NAL on their 900+KM Loitering Munition Project.They had scored the highest in the Combined Technical Cum… pic.twitter.com/0Dz9TXl2yJ
— Alpha Defense™🇮🇳 (@alpha_defense) July 13, 2025
इस महत्त्वपूर्ण परियोजना की ज़िम्मेदारी नागपुर स्थित Solar Industries India Limited को दी गई है, जो पहले से पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम जैसे हथियारों के निर्माण में अग्रणी रही है। CSIR-NAL द्वारा 27 जून 2025 को जारी ऑफिशियल मेमोरेंडम में सोलर इंडस्ट्रीज को 80.30 स्कोर के साथ सर्वोच्च स्थान मिला।
अन्य दावेदारों में भारत डायनामिक्स लिमिटेड (78.62), राफेल एमएफएचबी प्रा. लि. (76.78), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (73.43) और न्यू स्पेस रिसर्च (66.85) शामिल रहे, लेकिन टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और त्रिवेणी इंजीनियरिंग बोली प्रक्रिया में अयोग्य पाई गईं।
Ye lo bhai proof, DM mein pareshan kar dia hai 🤦 https://t.co/Fm4eIj4VBF pic.twitter.com/2uvPNdDZ3T
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यह 150 किलोग्राम कैटेगरी का लॉयरिंग म्यूनिशन होगा, जो सटीक निशाने, उच्च रेंज और विस्फोटक क्षमता के साथ भारत की सामरिक तैयारियों को नई दिशा देगा। इसका उपयोग सीमापार हमलों, दुश्मन के टैंकों, राडार और बंकरों को नष्ट करने के लिए किया जाएगा।
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“यह सिर्फ एक ड्रोन नहीं, बल्कि भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता की उड़ान है,” रक्षा विश्लेषकों का मानना है। सोलर इंडस्ट्रीज पहले ही विभिन्न स्मार्ट बम और उन्नत हथियार प्रणाली बना चुकी है, जिससे इस परियोजना में उनकी भूमिका और भी मजबूत हो जाती है।